पश्चिमी त्रिपुरा के मंडई में बुधवार को राजनीतिक प्रदर्शन के दौरान एक टीवी पत्रकार की हत्या कर दी गई। शांतनु भौमिक नाम का यह पत्रकार मंडई में इंडिजनस पीपल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (IPFT) और सीपीआई-एम के ट्राइबल विंग ‘त्रिपुरा राजेर उपजाति गणमुक्ति परिषद (TRUGP)’ के टकराव को कवर करने गया था।
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के अनुसार, शांतनु भौमिक पर राजनीतिक प्रदर्शन के दौरान कुछ अज्ञात लोगों ने हमला किया। हालांकि, यह आरोप लगाया गया है कि इस घटना के पीछे आईपीएफटी के समर्थक थे। इस घटना के बाद राज्य सरकार ने पत्रकार की मौत की जांच के आदेश दिए हैं। वहीं, त्रिपुरा के मंत्री भानु लाल साहा ने पत्रकार की कथित हत्या के मामले में कहा, 'हमें इस बारे में जानकारी मिली है। इस मामले में जांच की जाएगी और अगर ये हत्या का मामला हुआ तो पुलिस कार्रवाई करेगी।'
It has been reported will have to inquire & if so will ask Police to act properly: Tripura Minister Bhanu Lal Saha on journalist's death pic.twitter.com/UnMomNJBjc
— ANI (@ANI) September 20, 2017
एजेंसी के मुताबिक, बुधवार शाम को पत्रकारों ने मुख्यमंत्री के निवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और हत्या के पीछे जो कोई भी है, उसके लिए एक आदर्श दंड की मांग की। दोनों संगठनों के बीच प्रदेश भर में हुए हिंसात्मक टकराव के बाद एहतियात के तौर पर पश्चिमी त्रिपुरा और खोवई जिले में 10 से ज्यादा जगहों पर धारा 144 लागू कर दी गई है।
Agartala: Journalists hold protest outside Tripura CM's residence after a journalist was hacked to death in Mandwai pic.twitter.com/yIxgdj0O7T
— ANI (@ANI) September 20, 2017
मामले का जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक अभिजीत सप्तर्षि ने बताया कि यह घटना उस दौरान हुई जब ‘दिनरात’ न्यूज चैनल के पत्रकार शांतनु भौमिक मंडई में आईपीएफटी के सड़क जाम तथा आंदोलन को कवर रहे थे। उसी दौरान उन पर पीछे से हमला किया गया और उनका अपहरण कर लिया गया। बाद में भौमिक का पता लगा तब देखा गया कि उनके शरीर पर चाकू से हमले के कई निशान थे। इसके बाद उन्हें अगरतला स्थित गोविंद वल्लभ पंत मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल ले जाया गया जहां डक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बादल चौधरी ने उनकी हत्या की निंदा की। राज्य के सूचना मंत्री भानूलाल साहा अस्पताल गए।
बता दें 19 सितंबर को माकपा के जनजातीय प्रकोष्ठ गण मुक्ति परिषद के करीब 100 कार्यकर्ता अगरतला से करीब 40 किलोमीटर दूर खोवै जिले के छनखोला क्षेत्र में आईपीएफटी के साथ झड़प में घायल हो गए थे।