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कोलकाता रेप-मर्डर केस: पश्चिम बंगाल में 15वें दिन भी जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर, स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित

पश्चिम बंगाल के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं, क्योंकि जूनियर...
कोलकाता रेप-मर्डर केस: पश्चिम बंगाल में 15वें दिन भी जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर, स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित

पश्चिम बंगाल के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं, क्योंकि जूनियर डॉक्टरों ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आरजीकेएमसीएच) में एक स्नातकोत्तर प्रशिक्षु के कथित बलात्कार और हत्या के विरोध में लगातार 15वें दिन भी काम बंद रखा। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा काम पर लौटने की अपील के बावजूद आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया।

आरजीकेएमसीएच के एक आंदोलनकारी डॉक्टर ने पीटीआई-भाषा से कहा, "हमारा विरोध तब तक जारी रहेगा जब तक कि दोषियों को सजा नहीं मिल जाती। हम यहां किसी और चीज के लिए नहीं आए हैं। जब तक हमारी मांग पूरी नहीं हो जाती, हम अचानक प्रदर्शन समाप्त नहीं कर सकते।"

उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को एक चिकित्सक के साथ बलात्कार और हत्या के विरोध में प्रदर्शन कर रहे चिकित्सकों से काम पर लौटने की अपनी अपील दोहराई और निर्देश दिया कि उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।

अदालत ने कहा कि न्यायाधीश और डॉक्टर हड़ताल नहीं कर सकते क्योंकि वे जीवन और स्वतंत्रता से जुड़े मामलों से निपटते हैं। जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल जारी रहने के कारण विभिन्न सरकारी अस्पतालों में मरीजों की संख्या कम होती दिख रही है।

एसएसकेएम अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा, "पिछले कुछ दिनों से मरीजों की संख्या में कमी आई है, हालांकि हमारे वरिष्ठ डॉक्टर बाह्य रोगी विभागों (ओपीडी) और आपातकालीन इकाइयों में जा रहे हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि लोग जूनियर डॉक्टरों के आंदोलन से अवगत हैं।"

उल्लेखनीय है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) सरकारी अस्पताल में महिला डॉक्टर के कथित बलात्कार और हत्या की जांच कर रही है। महिला चिकित्सक के लिए न्याय की मांग के अलावा जूनियर डॉक्टर आरजीकेएमसीएच प्रशासन के कई अधिकारियों को हटाने की मांग कर रहे हैं।

राज्य सरकार ने आरजीकेएमसीएच के तीन अधिकारियों का तबादला कर दिया था और अस्पताल के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष की कलकत्ता मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (सीएनएमसी) में नियुक्ति रद्द कर दी थी।

राज्य के स्वास्थ्य सचिव एनएस निगम ने निर्णय की घोषणा करते हुए डॉक्टरों से काम पर लौटने का आग्रह किया, क्योंकि इससे स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही थीं।

9 अगस्त को पुलिस ने आरजीकेएमसीएच के सेमिनार हॉल से महिला पोस्टग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर का शव बरामद किया था। अगले दिन एक नागरिक स्वयंसेवक को अपराध में कथित संलिप्तता के कारण गिरफ्तार कर लिया गया।

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