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आई जी आशुतोष पांडेय की पहल एक नंबर भरोसे का

गोरखपुर के रहने वाले राजेंद्र सिंह बीएसएफ के जवान हैं। उनका बेटा प्रदीप स्कूल की छुट्टियां होने के कारण कानपुर घूमने गया। कानपुर से वापसी के दौरान वह ट्रेन से कहीं लापता हो गया। बड़ी कोशिशों के बाद भी प्रदीप का कुछ पता नहीं चला। कानपुर जीआरपी ने पंद्रह दिन के बाद गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की। लेकिन आगे कोई कार्रवाई नहीं हुई।
आई जी आशुतोष पांडेय की पहल एक नंबर भरोसे का

राजेंद्र सिंह को लोगों ने बताया कि कानपुर के महानिरीक्षक आशुतोष पांडेय ने एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है जिस पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। राजेंद्र सिंह ने हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत दर्ज करायी। बस फिर क्या था पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए न केवल राजेंद्र सिंह के बेटे का बरामद किया बल्कि एक गिरोह का पर्दाफाश भी किया जो छोटे बच्चों को अगवा करके रेलवे के एसी चेयरकार में उपयोग होने वाले कपड़े की धुलाई का काम करवाते थे।

इसी तरह से उरई में दो सगी नाबालिग बहनों को अपहरण हो गया था। गरीब परिवार की इन लड़कियों की पुलिस ने कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं की। बाद में पीड़ित ने आई के भरोसे के नंबर पर फोन किया और शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद 12 घंटे में ही पुलिस ने इन दोनों लड़कियों को सकुशल बरामद कर लिया।

यह तो कुछ घटनाएं हैं जिसका जिक्र इसलिए जरूरी है कि किस तरह से पुलिस की कार्यप्रणाली में बदलाव कर कानपुर क्षेत्र के महानिरीक्षक आशुतोष पांडेय ने सराहनीय काम किया है। इस पहल के बारे में आशुतोष पांडेय का कहना है कि आम नागरिकों का समय व धन न बर्बाद हो। इसलिए ऐसा प्रावधान किया गया है कि एक नंबर पर शिकायत कर त्वरित जवाब मिले और उस पर कार्रवाई हो।

आईजी की इस पहल के बाद से कानपुर जोन के लोगों को बड़ी राहत मिली है। स्‍थानीय लोग बताते हैं कि अब उन्हें पुलिस चौकी का चक्कर नहीं लगाना पड़ता है। उनकी शिकायतें फोन या फिर वाट्सएप के जरिए सुनी जाती है और उस पर कार्रवाही होती है। इस हेल्पलाइन नंबर को आईएसओ का प्रमाण पत्र भी मिल चुका है। 

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