महादायी नदी विवाद पर गुरूवार को राज्यव्यापी बंद में कई संगठनों ने हिस्सा लिया। इस बीच प्रदर्शनकारियों ने बंगलुरू में टाउन हॉल के बाहर गोवा के जलमंत्री के पुतले फूंके। कई कन्नड़ समर्थक संगठनों ने बंगलुरू पहुंचकर राज्यव्यापी बंद को समर्थन दिया। समझा जाता है कि कर्नाटक में आगामी विधानसभा चुनाव और केन्द्र पर दबाव बनाने की रणनीति के चलते बंद का आह्वान किया गया है।
राज्यव्यापी बंद को देखते हुए एसबीआई, मैसूर मर्चेन्ट्स को-ऑप बैंक लिमिटेड समेत ज्यादातर बैंकों ने मैसरु बंद की घोषणा की है। इस बीच कुछ प्रदर्शनकारियों ने व्यस्ततम रेलवे स्टेशन केएसआर पर रेल सेवा बाधित करने का भी प्रयास किया। हालांकि, पुलिस की मौजूदगी के कारण वह कामयाब नहीं हो पाए और प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया गया। कुछ देरी के बावजूद फिर से रेल सेवा बहाल कर दी गई।
यह है विवाद-
महादायी या मांडोवी नदी उत्तर-पश्चिमी कर्नाटक के बेलागावी जिले के पश्चिमी घाट के भीमगढ़ से शुरू होकर पड़ोसी गोवा तक जाती है। महादायी नदी कर्नाटक में 29 किलोमीटर का जबकि गोवा में कुल 52 किलोमीटर है। कर्नाटक 2001 से ही गोवा से 7.6 अरब क्यूबिक फीट नदी का पानी छोड़ने की की मांग करता आ रहा है। पानी छोड़ने की यह मांग सूखा प्रभावित राज्य के चार जिलों के लोगों की जरुरतों को पूरा करने और किसानों को खेतों की सिंचाई करने के लिए मांगी गई थी। इसके साथ ही प्रदर्शनकारी कालसा-बांदुरी बांध योजना का इस्तेमाल नहीं किए जाने का विरोध कर रहे हैं। ऐसा किए जाने से महादायी नदी का पानी उत्तरी कर्नाटक के जिलों में चला जाएगा। इस योजना का मकसद था कि जुड़वा शहर हुबली-धरवाड और बेलागावी तथा गाडग जिलों में पीने के पानी की सप्लाई ठीक ढंग से हो सकेगी।