कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने उसके कार्य प्रदर्शन के बारे में कथित रूप से गलत प्रचार करने को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश इकाई के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करने का फैसला किया है।
रविवार को जारी एक आधिकारिक अधिसूचना में सरकार ने भाजपा द्वारा दृश्य मीडिया और प्रिंट मीडिया में चलाए गए अभियान के माध्यम से कथित रूप से गलत और झूठी सूचना पेश करने का हवाला दिया है। विपक्षी भाजपा ने इस कदम को कर्नाटक में आपातकाल के दूसरे अध्याय की शुरुआत करार दिया है।
अधिसूचना में कहा गया कि सरकार ने इस संबंध में बेंगलुरु की 42वीं मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत में मानहानि का मुकदमा दायर करने का फैसला किया है और कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग (डीपीएआर) के सचिव को शिकायत दर्ज करने के लिए अधिकृत किया गया है।
सरकार ने 67वीं दीवानी और सत्र अदालत से लोक अभियोजक बी एस पाटिल तथा 61वें दीवानी और सत्र न्यायालय से शैलजा नायक को कानूनी कार्यवाही संभालने के लिए नियुक्त किया गया है।
साथ ही, गृह विभाग (कानून और व्यवस्था) के उप सचिव कुमता प्रकाश को नियुक्त किया गया है और उन्हें इस मामले में सभी संबंधित विभागों के साथ समन्वय करने तथा लोक अभियोजक को पूरी जानकारी प्रदान करने का आदेश दिया गया है।
इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा ने कहा कि कर्नाटक में पहली बार सरकारी तंत्र और अधिकारियों को नुमाइंदा बनाकर विपक्षी पार्टी और मीडिया को डराने के लिए एक अधिसूचना जारी की गई है।
भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘कांग्रेस सरकार से किसी भी तरह की धमकी से भाजपा के डरने का सवाल ही नहीं उठता। अगर आपको लगता है कि आप पुलिस और कानून के नाम पर विपक्षी दलों को चुप करा सकते हैं तो यह आपकी मूर्खता की पराकाष्ठा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह साफ है कि चापलूसों और मूर्खों की सलाह पर मानहानि का मुकदमा दायर करने का आपका फैसला न केवल भाजपा के खिलाफ है, बल्कि मीडिया के खिलाफ भी बदला लेने के लिए है।’’
विजयेंद्र ने कहा, ‘‘कर्नाटक में आपातकाल का दूसरा अध्याय शुरू हो गया है और कर्नाटक की कांग्रेस सरकार जल्द ही देखेगी कि लोकतंत्र, कर्नाटक की जनता, विपक्षी दल और मीडिया के पास इसे पलटने की शक्ति है।