गाजियाबाद के लोनी में बुजुर्ग की पिटाई के वायरल हुए वीडियो के मामले में शुक्रवार को ट्विटर इंडिया के एमडी मनीष माहेश्वरी को बड़ी राहत मिली है। कर्नाटक हाई कोर्ट ने यूपी पुलिस के नोटिस को रद्द कर दिया है। बता दें कि इस मामले में यूपी पुलिस ने अन्य कई लोगों के साथ मनीष माहेश्वरी को भी आरोपी बनाया है।
कर्नाटक हाई कोर्ट ने शुक्रवार को गाजियाबाद में एक बुजुर्ग व्यक्ति पर हमले से संबंधित एक वीडियो के संबंध में सीआरपीसी की धारा 41ए के तहत ट्विटर इंडिया के एमडी मनीष माहेश्वरी को यूपी पुलिस के नोटिस को खारिज कर दिया। कोर्ट ने पुलिस को वर्चुअल मोड के माध्यम से या व्यक्ति के कार्यालय/घर पर जाकर बयान दर्ज करने की अनुमति दी।
अदालत ने कहा कि अगर उत्तर प्रदेश पुलिस को माहेश्वरी से पूछताछ करने की जरूरत है, तो वे उसके कार्यालय के पते पर या वर्चुअल रूप से भी ऐसा कर सकते हैं। कहा कि सीआरपीसी की धारा 41ए के तहत जारी नोटिस को धारा 160 के तहत जारी किया गया माना जा सकता है। अदालत ने कहा,' 41 ए के तहत नोटिस दुर्भावनापूर्ण प्रतीत होता है।'
बुजुर्ग का वीडियो वायरल होने के बाद दर्ज करवाई गई शिकायत को लेकर पूछताछ करने के लिए यूपी पुलिस ने मनीष माहेश्वरी को नोटिस भेजा था। पुलिस ने माहेश्वरी को लोनी पुलिस थाने बुलाकर पूछताछ में शामिल होने के लिए कहा था। इसके बाद, हाई कोर्ट में माहेश्वरी ने इसे चुनौती दी थी, जिसपर कोर्ट ने उन्हें राहत दे दी थी।
गौरतलब है कि पिछले दिनों गाजियाबाद के लोनी के रहने वाले एक बुजुर्ग अब्दुल समद का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें कुछ लोग उसकी पिटाई करते हुए दिखाई दे रहे थे। पुलिस ने इस मामले में कहा था कि ताबीज की खरीद को लेकर अनबन हुई थी।