Advertisement

कश्मीर घाटी: दूसरे दिन रही शांति, छठे दिन भी नहीं छपे अखबार

कश्मीर घाटी में जारी कर्फ्यू के बीच बुधवार को असहज शांति रही, लेकिन घायलों में से और एक व्यक्ति की मौत होने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 44 हो गई। लगातार छठे दिन बुधवार को भी घाटी में कोई अखबार नहीं आया।
कश्मीर घाटी: दूसरे दिन रही शांति, छठे दिन भी नहीं छपे अखबार

कश्मीर घाटी के पिछले कई दिनों से जारी हिंसा और झड़प की घटनाओं से बुधवार को थोड़ी राहत मिली। कर्फ्यू के जारी रहने के बीच कहीं से भी हिंसा की खबर नहीं आई। हालांकि घायलों में से एक व्यक्ति की मौत हो जाने से बुधवार को मृतकों की संख्या बढ़कर 44 हो गई। इस बीच अलगाववादियों ने फिलहाल चल रहे हड़ताल को 25 जुलाई तक के लिए बढ़ा दिया है। अधिकारियों ने बताया कि घाटी में कल से ही कोई बड़ी अप्रिय घटना नहीं हुई और स्थिति कुछ शांतिपूर्ण है। घाटी की एक दिवसीय यात्रा पर पहुंचे सेना प्रमुख दलबीर सिंह ने कश्मीर में सुरक्षा स्थिति का जायजा लिया और नियंत्रण रेखा पर गश्ती सख्त रखने की बात करते हुए लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। वहीं बुधवार को भी लगातार छठे दिन घाटी में कोई अखबार नहीं आया। 

सरकार द्वारा कथित प्रतिबंध के कारण छह दिन से प्रकाशन बंद होने के बाद स्थानीय समाचारपत्रों के कल फिर से बाजार में आने की संभावना नजर आ रही है। हालांकि सरकार ने इन आरोपों से इनकार किया है कि उसने मीडिया पर किसी प्रकार का प्रतिबंध लगाया है। मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने स्थानीय अखबारों के संपादकों और मालिकों से बातचीत के दौरान घाटी में स्थानीय अखबारों पर प्रतिबंध को लेकर खेद जताया और कहा कि सरकार ने जानबूझकर ऐसा नहीं किया बल्कि संवाद में कमी के कारण ऐसा हुआ। महबूबा ने कहा कि अखबारों के प्रकाशन पर प्रतिबंध लगाने का सरकार ने जानबूझकर कोई प्रयास नहीं किया, बहरहाल संवाद की कमी के कारण जो भी हुआ वह खेदजनक है। अखबारों के संपादकों के साथ मुख्यमंत्री की मुलाकात होने के कुछ ही घंटे बाद प्रकाशन वापस शुरू करने का फैसला लिया गया। मुख्यमंत्री ने इस मुलाकात में मीडिया की स्वतंत्रता का आश्वासन दिया।

हिज्बुल मुजाहीदीन के आतंकवादी बुरहान वानी के आठ जुलाई को दक्षिण कश्मीर के कोकेरनाग जिले में मुठभेड़ के दौरान मारे जाने के बाद से ही कश्मीर घाटी में अशांति की स्थिति है। पाकिस्तान द्वारा आज मनाए जा रहे काला दिवस के साथ ही शहर के कई हिस्सों तथा बाहर भी कई जगहों से प्रदर्शनों तथा काला झंडा फहराने की खबरें आई हैं। हालांकि, पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने झंडों को हटा दिया और घाटी में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कर्फ्यू की स्थिति को और कठोर कर दिया। घाटी में जारी कर्फ्यू और अलगाववादियों की ओर से आहूत हड़ताल के कारण आज लगातार 12वें दिन भी घाटी में कोई कामकाज नहीं हुआ। मोबाइल, टेलीफोन और मोबाइल इंटरनेट सेवाएं भी बंद हैं।

Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad