तेलंगाना में आज यानी शनिवार से होने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस दो दिवसीय बैठक में हिस्सा लेंगे। भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में हिस्सा लेने पीएम नरेंद्र मोदी आज हैदराबाद पहुंचेंगे। तो वहीं, दूसरी ओर विपक्ष के साझा राष्ट्रपति प्रत्याशी यशवंत सिन्हा भी हैदराबाद के बेगमपेट एयरपोर्ट पहुंचेंगे। मोदी के स्वागत के लिए राज्य का सिर्फ एक मंत्री जाएगा, वहीं सिन्हा को लेने सीएम केसीआर समेत समेत पूरा मंत्रिमंडल जाएगा। बता दें कि अपनी इस बैठक में सत्तारूढ़ पार्टी देश व पार्टी से जुड़े अहम मुद्दों पर मंथन करेगी।
पीएम मोदी के पहुंचने से कुछ घंटे पहले सिन्हा बेगमपेट एयरपोर्ट पहुंचेंगे। वहां उनका राज्य सरकार की ओर से भव्य स्वागत किया जाएगा। खुद सीएम केसीआर और उनके सारे मंत्री इस मौके पर मौजूद रहेंगे। उधर, पीएम मोदी की अगवानी के लिए राज्य सरकार की ओर से केवल एक मंत्री एयरपोर्ट जाएगा। न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से इस बात की जानकारी दी है।
आमतौर पर जब प्रधानमंत्री किसी राज्य की राजधानी में पहुंचते हैं तो राज्यपाल के अलावा सीएम व प्रदेश के मंत्री भी एयरपोर्ट जाकर उनका स्वागत करते हैं। केसीआर पहले भी पीएम मोदी के दौरे के वक्त एयरपोर्ट जाने से परहेज कर चुके हैं।
छह माह में यह तीसरा मौका है, जब सीएम केसीआर पीएम मोदी की यात्रा के दौरान प्रोटाकॉल का पालन नहीं करेंगे। इससे पहले मई में पीएम मोदी इंडियन स्कूल आफ बिजनेस की 20वें वार्षिक समारोह में भाग लेने तेलंगाना आए थे, तब केसीआर बेंगलुरु चले गए थे। वहीं, इस साल फरवारी में भी जब पीएम मोदी तेलंगाना पहुंचे, उस समय भी केसीआर मौजूद नहीं थे।
केसीआर ने राष्ट्रपति चुनाव में सिन्हा के समर्थन का ऐलान किया है। तेलंगाना के सीएम व टीआरएस के प्रमुख राव ने सिन्हा को विपक्ष का साझा प्रत्याशी बनाने में अहम भूमिका निभाई है। 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में सिन्हा का मुकाबला केंद्र में सत्तारूढ़ राजग की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू से है। मुर्मू को बीजद, अकाली दल समेत कई अन्य गैर राजग दलों का भी समर्थन प्राप्त है।
केसीआर पश्चिम बंगाल की सीएम व टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी के साथ मिलकर विपक्ष का साझा मोर्चा बनाने के लिए भी लगातार प्रयास कर रहे हैं, ताकि लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा के खिलाफ विपक्षी दल एकजुट होकर चुनाव लड़ सकें।