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केसीआर ने कवि अन्नाभाउ साठे को भारत रत्न देने का किया आग्रह, पीएम को लिखा पत्र; मतंग समाज के लिए कही ये बात

वाटेगांव (सांगली)। मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने वाटेगांव में मंगलवार कहा कि यहां के प्रख्यात कवि...
केसीआर ने कवि अन्नाभाउ साठे को भारत रत्न देने का किया आग्रह, पीएम को लिखा पत्र; मतंग समाज के लिए कही ये बात

वाटेगांव (सांगली)। मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने वाटेगांव में मंगलवार कहा कि यहां के प्रख्यात कवि अन्नाभाउ साठे को मरणोपरांत भारत रत्न देने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखूंगा। उन्होने कहा कि मैं प्रधानमंत्री से अपील करता हूं कि अन्नाभाउ  साठे को भारत रत्न मिलना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने साठे की 103वीं जयंती के अवसर पर मंगलवार को महाराष्ट्र के वाटेगांव में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी कृतियों का भारत की सभी भाषाओं में अनुवाद किया जाना चाहिए। केसीआर ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से भी अनुरोध किया कि वे अन्नाभाउ साठे को भारत रत्न देने के लिए पत्र लिखकर प्रधानमंत्री से इसकी अनुशंसा करें। मुख्यमंत्री ने जनसभा में उपस्थित भारी भीड़ से अन्नाभाउ को भारत रत्न दिलाने के प्रस्ताव का समर्थन करने कहा। भारी जनसमूह ने ताली बजाकर इस प्रस्ताव का अनुमोदन किया।

इस अवसर पर अपने  केसीआर ने कहा कि अन्नाभाउ साठे को मैक्सिम गोर्की कहा जाता है, यह तुलना उनके विशाल व्यक्तित्व का परिचय देता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि साठे को रूस जैसे देश ने मान्यता दी थी और वहां के प्रधानमंत्री ने उन्हें आमंत्रित कर सम्मानित किया था। उन्होंने कहा कि रूसी लाइब्रेरी में साठे की एक मूर्ति है। साठे को भारतीय मैक्सिम गोर्की के नाम से जाना जाता है। उन्होंने कहा कि यह अफ़सोस की बात है कि भारत के शासकों ने साठे को मान्यता नहीं दी और उनके साहित्य को दुनिया के सामने लाने की पहल नहीं की। श्री केसीआर ने कहा कि उनके कृतियों का भारत की सभी भाषाओं में अनुवाद किया जाना चाहिए और इसे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पेश किया जाना चाहिए।

केसीआर ने कहा कि उनकी रचना और व्यक्तित्व की प्रतिष्ठा करने से हमारी प्रतिष्ठा बढ़ती है। वे हमारे देश के लिए गर्व हैं।  साठे का लेखन, साहित्य और दलितों के लिए उनका संघर्ष शाश्वत है। उन्होंने कहा कि एक कम्युनिस्ट और अंबेडकरवादी के रूप में उन्होंने जीवन भर एक समान समाज की स्थापना के लिए लगातार काम किया। उन्होंने कहा कि आम शायरी तो बहुत हैं, लेकिन लोक साहसी के रूप में साठे को विशेष पहचान मिलने का गौरव प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि वह अपने जीवन के अंत तक लोगों के साथ रहे और जिस सिद्धांत और लक्ष्य पर उन्होंने विश्वास किया, उससे कभी पीछे नहीं हटे।

केसीआर ने कहा कि मतंग समाज भारतवासियों का मूल समाज है। ये मतंग महामुनि के वंशज हैं। इस समाज का वर्णन महाकवि कालिदास ने किया है। मतंग समाज का वर्णन पुराणों में भी है। लेकिन इस समाज का आदर नहीं होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) मतंग समाज के लोगों को पार्टी में अच्छे पदों पर स्थापित करेगी। बीआरएस पार्टी मतंग समाज को साथ लेकर चलेगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री केसीआर को उनके परिवार के सदस्यों ने अन्नाभाउ साठे की प्रतिमा और साहित्य भेंट किया।

जनसभा में अन्नाभाउ साठे के पोते सचिन साठे और सचिन साठे की मां सावित्रीभाई साठे मौजूद थे। कार्यक्रम में महाराष्ट्र बीआरएस पार्टी के प्रभारी के वंशीधर राव, हरिबाव राठौड़, कादिर मौलाना, भानुदास मुरकुटे, घन श्याम शेलार, भागीरथ बाल्के, बीजे देशमुख, शंकरन्ना डोंगे, मलिक कदम, विधायक जीवन रेड्डी, नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष रविंदर सिंह ने भाग लिया।

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