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सबरीमाला: कांग्रेस का आरोप, ‘राज्य की लेफ्ट सरकार ही पैदा कर रही है समस्या’

सबरीमाला पर जारी गरिरोध पर कांग्रेस ने केरल की सरकार को दोषी ठहराया और कहा सरकार ही इस मुद्दे पर समस्या...
सबरीमाला: कांग्रेस का आरोप, ‘राज्य की लेफ्ट सरकार ही पैदा कर रही है समस्या’

सबरीमाला पर जारी गरिरोध पर कांग्रेस ने केरल की सरकार को दोषी ठहराया और कहा सरकार ही इस मुद्दे पर समस्या पैदा कर रही है। सोमवार को सबरीमाला एक दिन के लिए खुलेगा।

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता रमेश चेन्नीथाला ने कहा कि “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्य की लेफ्ट सरकार चीजो़ं को बिगाड़ रही है।“ रमेश ने कहा कि “भाजपा और संघ का अपना एजेंडा है। इस समस्या से निकलने के लिए विजयन सरकार को एक प्लान के साथ आना चाहिए। धार्मिक यात्रा वाले दो महीनों के लिए मंदिर वाले कस्बे में 1500 पार्टी कार्यकर्ताओं को नियुक्त करने के सरकार का फैसले कस्बे की शांति के लिए एक चुनौती है।" उनके अनुसार धार्मिक यात्राओं में सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए।

इसी से संबंधित हिंदू नायर समुदाय ने सीपीएम को चेताया है कि वह उनके साथ न खेले। यह समुदाय सबरीमाला पर राज्य सरकार के फैसले का विरोध कर रहा है। इसके तीन सदस्यों पर हमले भी हुए थे। हिंदू नायर समुदाय के जनरल सेक्रेटरी सुकुमारन नायर ने कहा कि “सबरीमाला विवाद सुलझे, यह समय की मांग है और हमें पता है कि हमारे ऊपर हुए हमलों के पीछे कौन था।“

भाजपा प्रमुख अमित शाह ने भी की थी मुख्यमंत्री आलोचना
शाह ने सबरीमला प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की तीखी आलोचना करते हुए गत सप्ताह दावा किया था कि राज्य में एक ‘‘आपातकाल जैसी’’ स्थिति है। उन्होंने राज्य सरकार पर ‘‘आग से खेलने’’ का आरोप लगाया था। शाह ने कहा था कि यदि राज्य सरकार ने श्रद्धालुओं को आहत करना बंद नहीं किया तो भाजपा कार्यकर्ता उसे गिराने के लिए बाध्य होंगे।

जानें सुप्रीम कोर्ट ने क्या सुनाया था फैसला
800 साल पुरानी प्रथा पर देश की शीर्ष अदालत ने अपना सुप्रीम फैसला सुनाते हुए महिलाओं को सबरीमाला मंदिर में जाने की इजाजत दी है। अब सबरीमाला मंदिर में महिलाएं भी भगवान अयप्‍पा के दर्शन कर सकती हैं।
सबरीमाला मंदिर में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद कुछ महिलाओं ने मंदिर के अंदर जाने की कोशिश की लेकिन कोर्ट के फैसले का विरोध कर रहे लोगों ने उन्हें अंदर जाने से रोका है। जहां एक तरफ प्रदर्शनकारी धार्मिक मान्यताओं-परंपराओं का हवाला देकर महिलाओं को प्रवेश नहीं करने दे रहे हैं, वहीं प्रशासन के सामने कोर्ट के फैसले को लागू करने की चुनौती है। दोनों पक्षों की इस जदोजहद में हिंसा की खबरें भी आई जिसमें  मीडियाकर्मियों पर भी हमले हुए।

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