खांडू ने विधानसभा अध्यक्ष तेंजिंग नोरबू थोंगदोक के सामने अपने 33 विधायकों की परेड कराई। विधानसभा अध्यक्ष ने विधायकों के भाजपा में शामिल होने को मंजूरी दे दी। विधानसभा अध्यक्ष ने इनको भाजपा के सदस्य के तौर पर मान्यता प्रदान की। भाजपा के पास पहले से ही 11 विधायक थे।
पूरा नाटकीय घटनाक्रम गुरुवार को शुरू हुआ जब पीपीए के अध्यक्ष काहफा बेंगिया ने कथित पार्टी विरोधी गतिविधि के लिए खांडू, उपमुख्यमंत्री चौवना मेन और पांच विधायकों को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया। राज्य में नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (एनईडीए) सरकार की गठबंधन सहयोगी पीपीए ने कल टकाम पेरियो को राज्य का नया मुख्यमंत्री चुना था। हालांकि राजनीतिक समीकरण तब बदल गए जब शुरुआत में पेरियो को समर्थन देने वाले पीपीए के अधिकतर विधायक बाद में खांडू के खेमे में चले गए।
पीपीए ने आज चार और पार्टी विधायकों होनचुन न्गानदम, बमांग फेलिक्स, पुंजी मारा और पानी टराम को भी निलंबित कर दिया। खांडू ने विधानसभा परिसर में संवाददाताओं से कहा कि अरुणाचल प्रदेश में आखिरकार कमल खिल गया। राज्य में लोग नई सरकार के नेतृत्व में नए साल में विकास की नई सुबह देखेंगे।
भाजपा महासचिव राम माधव ने अरुणाचल प्रदेश में पार्टी की सरकार बनने की सराहना की। माधव ने ट्वीट किया कि अरुणाचल प्रदेश 10वां भाजपा शासित राज्य और भाजपा के गठबंधन के सत्ता वाला 14वां राज्य बन गया है। मुख्यमंत्री पेमा खांडू को बधाई और भाजपा परिवार में उनका स्वागत करते हैं।
पीपीए अध्यक्ष काहफा बेंगिया ने एनईडीए संयोजक और भाजपा नेता हिमंत विश्व शर्मा के खामोश रहने को लेकर उनकी आलोचना की। पीपीए एनईडीए का हिस्सा है। पीपीए ने भाजपा पर आरोप लगाया कि उसने राज्य में सरकार के गठन की बजाय पीपीए विधायकों को ही अगवा कर लिया।
पीपीए की केंद्रीय कार्य समिति के अध्यक्ष कामेन रिंगू ने कहा कि पीपीए एनईडीए के साथ सहज नहीं है और हम इस मुद्दे पर गठबंधन के दूसरे सदस्यों के साथ चर्चा करने जा रहे हैं। खांडू ने कहा कि कांग्रेस के सालों के कुशासन के बाद हमने महसूस किया कि राज्य में कोई विकास नहीं दिख रहा। हम प्रगति एवं खुशहाली की तरफ राज्य को ले जाने के इरादे से पीपीए में शामिल हुए थे लेकिन वहां भी हमने ऐसी ही स्थिति देखी जहां पार्टी अध्यक्ष विधायकों के साथ अलोकतांत्रिक तरीके से पेश आए। (एजेंसी)