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हरियाणा में 'मिशन बिरयानी' से मुख्यमंत्री मनोहर लाल नाराज हुए

ईद से ठीक पहले हरियाणा में चलाए गए मिशन बिरयानी से मुख्यमंत्री मनोहर लाल नाराज हो गए हैं। कांग्रेस, इनेलो और अल्पसंख्यक समुदाय के विरोध के बाद जहां केंद्र की भाजपा सरकार की मुश्किलें बढ़ गईं, वहीं प्रदेश की मनोहर लाल सरकार को जवाब देना भारी हो गया है। गो सेवा आयोग के निर्देश पर शुरू किए गए मिशन बिरयानी से प्रदेश सरकार ने खुद को पूरी तरह से अलग कर लिया है।
हरियाणा में 'मिशन बिरयानी' से मुख्यमंत्री मनोहर लाल नाराज हुए

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गो सेवा आयोग के अध्यक्ष भानी राम मंगला से फोन पर बातचीत की और मिशन बिरयानी को लेकर उन्हें कड़ी फटकार लगाई। भानी राम पिछले काफी दिनों से मेवात में सक्रिय थे। उनके निर्देश पर ही मेवात पुलिस ने बिरयानी बेचने वालों के सैंपल लिए। हिसार लैब में यह सैंपल पॉजिटिव पाए गए। मिशन बिरयानी आरंभ होने से पहले और बाद में भानी राम मंगला ने लगातार कहा कि गोमांस खाने वालों को हरियाणा में रहने की इजाजत नहीं है।

यदि उन्हें गोमांस खाना है तो हरियाणा से बाहर जाना पड़ेगा। बिरयानी में बीफ की मिलावट की जांच को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग में भी चुनौती दी गई। बिहार के शहजाद पूनावाला ने इसके विरोध में आयोग में याचिका दायर की। इस याचिका पर अभी फैसला भी नहीं हो पाया था कि बिरयानी में बीफ के सैंपल पॉजिटिव मिल गए, जिस कारण विवाद बढ़ता चला गया। कांग्रेस के रणदीप सुरजेवाला, भूपेंद्र सिंह हुड्डा और इनेलो विधायक दल के नेता अभय सिंह चौटाला ने सरकार के मिशन बिरयानी पर सवाल खड़े किए, जिसके बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पूरे मामले पर भानी से बातचीत की।

मुख्यमंत्री लाल शनिवार दोपहर को चंडीगढ़ भाजपा के अध्यक्ष संजय टंडन द्वारा आयोजित समारोह में भागीदारी करने गए, लेकिन तब उन्होंने बीफ पर किसी सवाल का जवाब नहीं दिया।

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