वर्ष 1994 से 2006 के बीच दो बार राज्यसभा सदस्य रह चुके 69 वर्षीय कोविन्द उत्तर प्रदेश के कानपुर से हैं। मुख्यमंत्री नीतीश के समर्थकों का कहना है कि नये राज्यपाल की नियुक्ति का फैसला लेते वक्त बिहार सरकार से कोई परामर्श नहीं लिया गया।
सूत्रों के मुताबिक सामान्य प्रक्रिया और प्रोटोकॉल के अंतर्गत केंद्रीय गृह मंत्रालय राज्यपाल पर अंतिम फैसला लेने से पहले मुख्यमंत्री को सूचित करता है। नीतीश के समर्थकों का कहना है कि कोविंद को राज्यपाल बनाने से पहले राज्य सरकार को सूचित तक नहीं किया गया। वहीं दूसरी तरफ हिमाचल प्रदेश के नए राज्यपाल के तौर पर आचार्य देवव्रत की नियुक्ति हुई है। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी के पास बिहार का अतिरिक्त प्रभार था।
पेशे से वकील कोविन्द भाजपा के अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रमुख भी रहे हैं। राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में दोनों नियुक्तियों की जानकारी दी गई। नियुक्तियां उनके कार्यभार ग्रहण करने की तारीखों से प्रभावी हो जाएंगी। हिमाचल प्रदेश का अतिरिक्त प्रभार अभी तक राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह के पास था।