सरकार की ओर से शहर की सड़कों पर होने वाले हादसों, आग की घटनाओं और तेजाब हमले के पीड़ितों का निजी अस्पताल में इलाज कराने का खर्च उठाने की योजना को उपराज्यपाल ने हरी झंडी दे दी है। साथ ही कहा है कि यह भी तय किया जाए कि निजी अस्पताल आपसी मिलीभगत से गैरजरूरी जांच न कराएं और योजना में भ्रष्टाचार होने या जांच की गुणवत्ता में कोई कमी आने पर सजा देने की बात कही है।
उपराज्यपाल अनिल बैजल ने इस बात पर जोर दिया है कि एक प्रभावी स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था के लिए सरकारी संस्थानों को मजबूत बनाने की भी जरूरत है क्योंकि स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था को पूरी तरह निजी क्षेत्र के हाथों में नहीं छोड़ा जा सकता। योजना में निजी अस्पतालों को शामिल करते हुए पूरी पारदर्शिता और उचित प्रक्रिया तथा निशा-निर्देशों का पालन होना चाहिए। एक ऐसा तंत्र विकसित किया जाना चाहिए ताकि तय किया जा सके कि निजी अस्पताल आपसी मिलीभगत से गैरजरूरी जांच न कराएं। प्रशासन मरीजों के लिए ऑनलाइन आधार पर आधारित या बायोमेट्रिक ट्रैकिंग का विकास करे ताकि भ्रष्टाचार पर काबू पाया जा सके। इसके अलावा उपराज्यपाल ने सरकार के उस प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है, जिसमें मोहल्ला क्लिनिकों, पॉली क्लिनिकों और मोबाइल हेल्थ क्लिनिकों को फ्री में लैबों की सुविधा दिए जाने की बात कही गई है।