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यूपी में जीका से आफत में जान: कानपुर में कुल 25 मामलों की पुष्टि, 2 गर्भवती महिलाएं भी संक्रमित; जानें- लक्षण और बचाव

देश में एक के बाद एक- कई वायरस की दस्तक से हड़कंप मचा हुआ है। उत्तर प्रदेश के कानपुर में अब जीका वायरस का...
यूपी में जीका से आफत में जान: कानपुर में कुल 25 मामलों की पुष्टि, 2 गर्भवती महिलाएं भी संक्रमित; जानें- लक्षण और बचाव

देश में एक के बाद एक- कई वायरस की दस्तक से हड़कंप मचा हुआ है। उत्तर प्रदेश के कानपुर में अब जीका वायरस का हमला तेजी से हो रहा है। राज्य के सीएमओ डॉ. नेपाल सिंह ने बुधवार को कहा है, "हर रोज़ जीका वायरस के 300-400 सैंपल की टेस्टिंग हो रही है। कल तक जीका वायरस के 11 मामले थे, आज यह आंकड़ा बढ़कर 25 हो गया है। हमने टीमें रवाना कर दी हैं। किसी को डरने की ज़रुरत नहीं है। जीका वायरस से अब तक 2 गर्भवती माताएं संक्रमित पाई गईं।" बढ़ते नए मामलों के बाद स्वास्थ्य विभाग सकते में है।

गौरतलब है कि देश अभी करीब डेढ़ साल से अधिक समय से कोरोना की जंग से लड़ रहा है। तीसरी लहर की आहट और नए वैरिएंट के सामने आने से केंद्र से लेकर राज्य तक तैयारी में जुटा हुआ है। इस बीच जीका और निपाह वायरस के बढ़ते मामले चिंताजनक हैं।

कुछ महीने पहले केरल में निपाह वायरस का मामला सामने आया था। कोच्चि में एक शख्स इससे प्रभावित  पाया गया था। इसके बाद राज्य सरकार एक बार फिर अलर्ट पर है। पिछले साल ही निपाह वायरस से कोझिकोड और मलप्पुरम जिले में 16 जानें गई थी। लोगों के दिमाग को नुकसान पहुंचाने वाले निपाह वायरस काफी खतरनाक होता है। ये रोग 2001 में और फिर 2007 में पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में भी सामने आया था। यूपी के भी कई जिलों में रहस्यमयी बुखार की वजह से सौ से अधिक लोगों की जानें जा चुकी है। 

रोग के लक्षण

- शरीर में दाने और लाल चकत्ते 

- सिर दर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द

- गुलेन बारी सिंड्रोम, न्यूरोपैथी

- हल्का बुखार

- आंखों में लाली 

कैसे करें बचाव

- मच्छरों के काटने से बचाएं 

- शरीर को पूरे कपड़ों से ढककर रखें

- टायर, कूलर, घर के टूटे बर्तन आदी में पानी भरा न रहने दें

- मच्छरों को आसपास पनपने न दें 

- गर्भवती महिलाओं का ध्यान रखें, मच्छरों से बचाएं 

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