दिल्ली के कालिंदी कुंज इलाके में रोहिंग्या मुसलमानों के कैंप में रविवार को अचानक भीषण आग लगने से सबकुछ खाक हो गया। इस दौरान ना केवल पूरा कैंप बल्कि दस्तावेज भी राख हो गए। सूचना मिलते ही दमकल की 12 गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और आग पर काबू पाया।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, आग लगने से लगभग 230 रोहिंग्या प्रभावित हुए हैं। अग्निशमन विभाग के अधिकारियों के अनुसार आग तड़के करीब 3 बजे लगी और सुबह सात बजे से पहले इसपर काबू पा लिया गया।
जानकारी के मुताबिक यहां करीब 47 परिवार रह रहे थे और सबसे पहले एक टॉइलट से भड़की आग ने तेजी से पूरे कैंप को अपनी चपेट में ले लिया।
गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) और स्थानीय लोगों की मदद से शरणार्थियों को पास के मैदान में स्थानांतरित कर दिया गया है। एक शरणार्थी ने बताया, “एनजीओ और स्थानीय निवासियों ने उन लोगों को कपड़े, खाद्य पदार्थ और अन्य आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराने में मदद की।”
उन्होंने कहा, "हम सभी को आग से प्रभावित हुए हैं। हमें स्थानीय लोगों द्वारा खाना और कपड़े दिए जा रहे हैं, पुलिस ने भी बहुत मदद की है।"
प्राथमिक सूचना के अनुसार, बिजली के तारों में कुछ गड़बड़ी, शॉर्ट सर्किट से यह आग लगी थी। भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 285, 337 और 336 के तहत मामले में कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है।