लोकसभा चुनाव के सातवें और आखिरी चरण में पूर्वांचल की 13 सीटों पर पीएम मोदी से लेकर सीएम योगी तक की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। पीएम मोदी की वाराणसी सीट पर जीत का अंतर बढ़ाने को लेकर जोर आजमाइस है तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद और उपचुनाव में हारी गोरखपुर सीट जीतने की बड़ी चुनौती भी है। लगभग सभी सीटों पर मुख्य मुकाबला भाजपा और गठबंधन के बीच है। कुछ सीटों पर कांग्रेस मुकाबले को त्रिकोणीय भी बना रही है। बलिया सीट पर कांग्रेस ने गठबंधन उम्मीदवार को समर्थन दिया है।
आखिरी चरण में केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा, अनुप्रिया पटेल और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय के किस्मत का भी फैसला होना है। पीएम नरेंद्र मोदी की वाराणसी सीट पर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से लेकर प्रदेश स्तरीय टीम के अलावा तमाम दिग्गज नेताओं ने कमान संभाल रखी है। वाराणसी सीट से 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पांच लाख 81 हजार 22 वोट मिले थे। निकटतम प्रतिद्वंद्वी आप के अरविंद केजरीवाल को दो लाख नौ हजार दो सौ 38 वोट मिले थे। जबकि कांग्रेस के प्रत्याशी अजय राय को 75 हजार छह सौ 14 वोट मिले थे और वह तीसरे नंबर पर थे। 2009 में डॉ. मुरली मनोहर जोशी को दो लाख 31 हजार 22 वोट मिले थे और उन्होंने जीत दर्ज की थी। बसपा प्रत्याशी मुख्तार अंसारी को एक लाख 85 हजार 911 वोट मिले थे और वह दूसरे नंबर पर थे। पिछले लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री करीब दो लाख 98 हजार वोटों से जीते थे। इस बार जीत के इसी अंतर को बढ़ाने का प्रयास भाजपा कर रही है।
ऐसे ही पूर्वांचल की सबसे प्रतिष्ठित सीट गोरखपुर की जीत-हार को लेकर सभी दलों ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है। गठबंधन प्रत्याशी के समर्थन में सपा-बसपा नेता जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं तो भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मोर्चा संभाल लिया है। हालांकि पार्टी ने प्रत्याशी भोजपुरी स्टार रविकिशन शुक्ल को बनाया है, लेकिन गोरखपुर सीट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की होने के कारण वह पिछले करीब 15 दिन से गोरखपुर से ही अपनी दैनिक गतिविधियों को संचालित कर रहे हैं और अमूमन भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में रोजाना बैठकें, सभाएं और चुनाव से संबंधित गतिविधियों को परवान चढ़ा रहे हैं।
गोरखपुर सीट उपचुनाव में हारने के बाद देश भर में सबसे ज्यादा किरकिरी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की हुई थी। उस समय किसी को अंदाजा नहीं था कि गोरखपुर सीट भाजपा हार जाएगी, लेकिन सपा-बसपा के गठजोड़ ने भाजपा के इस अभेद्य किले को ढहाने का काम किया और इसी जीत के बाद सपा-बसपा के गठबंधन नींव तैयार हुई, जो लोकसभा चुनाव में भाजपा के सामने बड़ी चुनौती बनकर उभरी है। गोरखपुर सीट पर जातिगत आंकड़े के आधार पर भाजपा पर गठबंधन भारी पड़ रहा है।
सपा नेता सुरेश यादव दावा करते हैं कि गोरखपुर मंडल की गोरखपुर, महराजगंज, बांसगांव और देवरिया सीट भाजपा हार रही है। वह तर्क देते हैं कि देहात क्षेत्र में गठबंधन को जबरदस्त वोट मिल रहा है और यही जीत का आधार है। जबकि भाजपा के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष चौ. शिवेंद्र सिंह कहते हैं कि पार्टी आखिरी चरण में क्लिन स्वीप कर रही है। मोदी जी को लेकर लोगों में अंडर करंट है और दुबारा मोदी जी की सरकार बनने जा रही है।
राबर्ट्सगंज लोकसभा क्षेत्र के तीन विधानसभा क्षेत्रों में चार बजे तक मतदान
80-राबर्ट्सगंज लोकसभा क्षेत्र के तीन विधान सभा क्षेत्रों 383-चकिया, 401-राबर्ट्सगंज और 403-दुद्धी में मतदान का समय सुबह सात बजे से शाम चार बजे तक है। जबकि अन्य स्थानों पर शाम छह बजे तक मतदान होना है।