लखनऊ मेट्रो ने अपने संचालन के 70 दिनों के भीतर ही 10 लाख राइडरशिप का आंकडा पार कर लिया है।
लखनऊ मेट्रो का व्यावसायिक संचालन 6 सितम्बर को प्रारंभ हुआ था और इतने कम समय में 10 लाख यात्रियों का आंकड़ा पार करने को एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। लखनऊ मेट्रो नें यह आंकड़ा कल ही यानी 15 नवम्बर को ही पार कर लिया था।
अपने संचालन के प्रथम दिवस यानी 6 सितम्बर को कुल 31,688 यात्रिओं नें लखनऊ मेट्रो की सवारी की थी, जो आंकड़ा 10 सितम्बर को बढ़ कर 41,075 तक पहुंच गया था।
हालांकि बाद के दिनों में यह आंकड़ा नीचे आ गया, क्योंकि अब ज़्यादातर दैनिक यात्री ही मेट्रो की सवारी कर रहे हैं जबकि पहले-पहले इस नई सेवा को देखने और उसका उपयोग करने भी लोग आते थे।
बहरहाल, लखनऊ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (LMRC) को भविष्य में इस राइडरशिप के और बढ़ने की उम्मीद है।
लखनऊ मेट्रो देश में सबसे कम समय में अपने व्यावसायिक संचालन को हासिल करने वाली मेट्रो सर्विस है, जिसने करीब तीन सालों के भीतर ही अपने प्रथम चरण में मेट्रो सर्विस को लखनऊ एअरपोर्ट और चारबाग रेलवे स्टेशन तक शुरू कर दिया।
इस समय, लखनऊ मेट्रो 8.5 किमी लम्बे प्रथम चरण के सेक्शन पर दौड़ रही है, वहीँ अन्य चरणों का काम तेजी से चल रहा है।
लखनऊ मेट्रो की कुल लागत करीब 14,000 रुपए करोड़ आंकी गई है और यह अगले करीब पांच सालों में पूरी होने की उम्मीद है।
इस मेगा प्रोजेक्ट के लिए, यूरोपियन इन्वेस्टमेंट बैंक (EIB) नें करीब 1,752 रुपए करोड़ का कर्ज देना का अनुबंध किया है, जिसकी पहली किश्त दी जा चुकी है।
लखनऊ मेट्रो के साथ-साथ योगी आदित्यनाथ सरकार प्रदेश के अन्य प्रमुख शहरों जैसे वाराणसी, कानपुर, आगरा, इलाहाबाद, मेरठ इत्यादि में भी ऐसी ही सर्विस शुरू करने का प्रयास कर रही है।
मौजूदा समय में, उत्तर प्रदेश के तीन शहरों क्रमशः लखनऊ, नोएडा और गाज़ियाबाद में मेट्रो रेल सर्विस है।