मध्य प्रदेश में 230 नवनिर्वाचित विधायकों में से 205 करोड़पति हैं और राज्य कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ 134 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति के साथ तीन सबसे अमीर विधायकों में से एक हैं। इस बार विधायकों की औसत संपत्ति 11.77 करोड़ रुपये रही।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, रतलाम शहर से नवनिर्वाचित भाजपा विधायक चैतन्य कश्यप 296 करोड़ रुपये की घोषित संपत्ति के साथ सूची में शीर्ष पर हैं, जबकि उनकी पार्टी के सहयोगी संजय सत्येन्द्र पाठक (विजयराघवगढ़) 242 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ दूसरे स्थान पर हैं।
इसमें कहा गया है कि एक करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति रखने वाले विधायकों की संख्या 2018 में 187 से बढ़कर 2023 में 205 हो गई। इन करोड़पति विधायकों में से 144 भाजपा से और 61 कांग्रेस से हैं।
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 163 सीटें जीतकर 2018 में अपनी सीटें 109 से बढ़ा लीं। कांग्रेस, जिसने 2018 में राज्य में 114 सीटें जीती थीं, 66 सीटों पर सिमट गई, जबकि एक निर्वाचन क्षेत्र में नई प्रवेशी भारत आदिवासी पार्टी जीतने में कामयाब रही। भारत आदिवासी पार्टी के विजयी उम्मीदवार कमलेश डोडियार सबसे कम संपत्ति वाले नवनिर्वाचित विधायकों में सबसे आगे हैं। डोडियार ने 18 लाख रुपये की संपत्ति घोषित की है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सबसे कम संपत्ति वाले दो अन्य उम्मीदवारों में भाजपा के संतोष वरकड़े (सिहोरा) की कुल संपत्ति 25 लाख रुपये और उनकी पार्टी के सहयोगी कंचन मुकेश तनवे (खंडवा) की कुल संपत्ति 26 लाख रुपये है।
सर्वाधिक देनदारी वाले उम्मीदवारों में भाजपा के पूर्व मंत्री सुरेंद्र पटवा (भोजपुर) 57 करोड़ रुपये के कर्ज के साथ सबसे आगे हैं, कांग्रेस के दिनेश जैन (महिदपुर) 30 करोड़ रुपये के साथ दूसरे स्थान पर और भाजपा के भूपेन्द्र सिंह (खुरई) 23 करोड़ रुपए के साथ तीसरे स्थान पर हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 205 करोड़पतियों में से 102 विधायकों ने 5 करोड़ रुपये और उससे अधिक की संपत्ति घोषित की है। कम से कम 71 विधायकों ने 2 करोड़ रुपये से 5 करोड़ रुपये के बीच संपत्ति घोषित की है। इसके अलावा, 48 विधायकों ने 50 लाख रुपये से 2 करोड़ रुपये के बीच संपत्ति घोषित की है, जबकि निर्वाचित विधायकों में से नौ के पास 50 लाख रुपये से कम की संपत्ति है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि नवनिर्वाचित विधायकों की औसत संपत्ति 11.77 करोड़ रुपये है, जो 2018 में 10.17 करोड़ रुपये थी।