रिलीज से पहले ही विवादों में घिर चुकी फिल्म 'पद्मावती' का प्रदर्शन मध्य प्रदेश में नहीं होगा। इस बात का निर्णय खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार सुबह सीएम निवास पर राजपूत समाज के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक के बाद लिया है।
मध्य प्रदेश राजपूत समाज के महासचिव दीपक चौहान ने बताया, 'आज हमारी बैठक मुख्यमंत्री जी से हुई थी। हमारे समाज के प्रतिनिधियों के संग हुई इस बैठक में हमने सीएम साहब से फिल्म पद्मावती के विषय में चर्चा की। चर्चा के बाद सीएम साहब ने कहा कि भारत में नारी हमेशा से पूजनीय रही है। सारी दुनिया को भारत ने वीरता का पाठ पढ़ाया है। पद्मावती के बारे में बचपन से पढ़ते आए हैं। भारतीय नारी का असली प्रतिबिंब थी रानी पद्मावती। फिल्म में रानी पद्मावती के किरदार और इतिहास को तोड़-मरोड़ कर दिखाया गया है, इसलिए इसका प्रदर्शन मध्य प्रदेश में नहीं होगा।'
सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर फिल्म पद्मावती के विरोध में क्षत्रिय समाज की विभिन्न सामाजिक संस्थाओं ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भेंट की और उन्हे फिल्म पर प्रतिबंध को लेकर ज्ञापन सौंपा।
दरअसल, इस प्रतिनिधिमंडल के कुछ सदस्यों ने फिल्म के ट्रेलर देखकर आशंका जताई थी कि फिल्म के जरिए इतिहास के गलत तथ्य प्रस्तुत किए जा रहे हैं जो रानी पद्मावती की छवि को धूमिल कर रहे हैं। मुख्यमंत्री से मिले इस प्रतिनिधिमंडल में कई भाजपा विधायक भी शामिल थे। उन्होंने भी इस फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने की मांग मुख्यमंत्री के सामने रखी।