मध्यप्रदेश में 12 महीने बाद होने जा रहे महत्वपूर्ण विधानसभा चुनाव के पहले भाजपा ने कांग्रेस को अपनी ताकत का एहसास करा दिया है। कल यानी शुक्रवार घोषित हुए 18 जिलों के 46 नगरीय निकायों के चुनाव परिणाम में प्रदेश कि सत्ताधारी पार्टी को 11 पर बीजेपी को बहुमत मिला। कांग्रेस को 4 नगर पालिका में जीत मिली। नैनपुर नगरपालिका (मंडला) में निर्दलीय ने कब्ज़ा जमाया है। वहीं, बिजुरी नगर पालिका (अनूपपुर) में टाई हुआ है। इन 46 नगरीय निकायों के 814 पार्षदों में से 417 भाजपा, 250 कांग्रेस और 131 स्थानों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत दर्ज कि है।
भाजपा ने अपनी ताकत का एहसास कांग्रेस के गढ़ छिंदवाड़ा जिले में अपनी ताकत दिखा पाने में कामयाब रही। छिंदवाड़ा जिले के 6 निकाय में से भाजपा ने 4 निकायों में जीत दर्ज की है। कांग्रेस को 2 पर बहुमत मिला है। यह इलाका कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ का गढ़ माना जाता, वे यहां से 9 बार लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं। वर्तमान में कमलनाथ के बेटे नकुल नाथ छिंदवाड़ा लोकसभा सीट का प्रतिनिधत्व करते है। यहां कांग्रेस को सबसे ज्यादा नुकसान सौसर विधान सभा सीट से उठाना पड़ा। सौसर नगर पालिका में कांग्रेस का खाता तक नहीं खुला। यहां 15 में से 14 वार्ड पर भाजपा ने जीत दर्ज की। बची 1 वार्ड में निर्दलीय प्रत्याशी ने जीत दर्ज कर ली।
कांग्रेस भाजपा को अपनी ताकत का एहसास पांढुर्णा विधान सभा सीट में कराने में कामयाब रही। पांढुर्णा नगर पालिका के 30 वार्ड में से कांग्रेस ने 17 वार्ड में जीत दर्ज की। भाजपा को जीत में सिर्फ 10 वार्ड मिल पाए। 3 वार्ड निर्दलीयों ने जीते। भाजपा को हर्रई नगर परिषद में मुंह की खानी पड़ी। 15 वार्ड में से 13 में कांग्रेस, 1 में निर्दलीय और 1 में भाजपा पार्षद ने जीत हासिल की। इससे पहले यहां भाजपा की परिषद थी।
अगर पिछले नगर पालिका चुनाव परिणाम को ध्यान में रखा जाये तो भाजपा के पास पहले 11 नगर पालिका थीं, और इस बार भी 11 पर बहुमत मिली है. इस चुनाव में भाजपा 3 अतिरिक्त नगर परिषद में कब्ज़ा कर पाने में सफल रही। पिछली बार भाजपा की 14 परिषद थीं, इस बार पार्टी को 17 पर बहुमत मिली है। प्रदेश की मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को नगर पालिका और नगर परिषद दोनों में नुकसान हुआ है। पिछले चुनाव में कांग्रेस 5 नगर पालिका पर बहुमत में थी। इस बार पार्टी को 4 में ही बहुमत मिला है। पिछली बार कांग्रेस की 7 परिषद थीं, इस बार 6 में बहुमत मिला है।
जानकारों का मानना है की प्रदेश में 12 महीने बाद होने जा रहे विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और कांग्रेस की तरफ से कमल नाथ के नेतृत्व में लड़े जाने है। 18 जिलों के 46 नगरीय निकायों के चुनाव परिणाम के द्वारा भाजपा, कांग्रेस को अपनी ताकत का एहसास करा पाने में सफल रही।