प्रदेश की 28 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए रविवार को चुनाव प्रचार थम गया। अब राजनीतिक दलों के सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि कोरोना संकट के बीच लोगों को मतदान केन्द्र तक कैसे लाये। हालांकि चुनाव आयोग के साथ भाजपा और कांग्रेस द्वारा मतदान कराने के लिए अपने-अपने स्तर पर कार्यक्रम किए जा रहे हैं।
मतदान बढ़ाने को लेकर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय द्वारा सभी 28 विधानसभा क्षेत्रों में प्रचार रथ, वॉल पेंटिंग, रंगोली प्रतियोगिता सहित अन्य कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में मतदान करने के तरीके बताने के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें भी भेजी गई थीं। ग्रामीणों ने इन मशीनों से मतदान कर अपनी शंकाओं का समाधान भी किया।
पार्टियों का भी वोट प्रतिशत बढ़ाने पर जोर
चुनाव आयोग के अलावा राज्य के दोनों प्रमुख राजनीतिक दल भी अपने-अपने स्तर पर मतदान बढ़ाने का प्रयास कर रहे है। अपने कार्यकर्ताओं के अलावा पार्टियां सोशल मीडिया का भी सहारा ले रही है। कांग्रेस की मंडलम व सेक्टर इकाइयां सक्रिय उधर, प्रदेश कांग्रेस कमेटी की भी कोशिश है कि उपचुनाव में अधिक से अधि मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करें। इसके लिए मंडलम और सेक्टर इकाइयां मतदाता संपर्क कार्यक्रम चला रही हैं। पार्टी ने सभी मतदान केंद्रों पर कार्यकतार्ओं की तैनाती की भी है।
वे मतदाताओं से संपर्क कर उन्हें मतदान के लिए प्रेरित कर रहे हैं। वाट्सएप, फेसबुक सहित अन्य इंटरनेट मीडिया के माध्यम से भी मतदाताओं को प्रेरित किया जा रहा है। उम्मीदवार भी अपने स्तर पर संपर्क अभियान चला रहे हैं। चुनाव प्रचार थमने के बाद अब लगातार यही कोशिश होगी कि तीन नवंबर को मतदाता मतदान केंद्रों तक अवश्य पहुंचें। पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ की टीम भोपाल से इस कार्यक्रम की निगरानी कर रही है। सभी वरिष्ठ नेताओं को विधानसभावार जिम्मेदारी सौंपी गई है।
भाजपा उपचुनाव के लिए अभियान शुरू होने के पहले से मतदाताओं को प्रेरित कर रही है। बूथ कमेटियों के माध्यम से यह प्रयास किए जा रहे हैं। पार्टी मतदाताओं को समझा रही हैं कि मतदान अवश्य करें। हर बूथ कमेटी और डिजिटल माध्यमों से भी इस बारे में प्रचार किया जा रहा है। पार्टी ने मतदाताओं को बूथ तक लाने के लिए मोर्चा पदाधिकारियों को भी जिम्मेदारी सौंपी है।