मध्यप्रदेश में अब सरकार कलेक्टर-एसपी सहित जमीनी स्तर पर काम करने वाले सभी अधिकारियों की रेटिंग करने जा रही है। उनकी रेटिंग के आधार पर उनकी परफार्मेंस तय की जाएगी तथा अच्छी रैटिंग वालों को ही जमीनी स्तर पर पदस्थापना जारी रखी जाएगी।
शिवराज सिंह ने साफ कर दिया कि आत्मनिर्भर एमपी महज दस्तावेज नहीं है, ये हमारा संकल्प है, इसे धरातल पर उतारा जाएगा। बिना एक क्षण गंवाए पूरी क्षमता से अपने आपको प्रदेश की प्रगति और विकास के लिए समर्पित कर दिया है। मैरिट के आधार पर अफसरों की नियुक्ति की जाएगी। इसका आधार परफार्मेंस होगा। उन्होंने कहा कि मैं सिर्फ काम चाहता हूं। विभागीय अफसर ध्यान रखें और दायित्व निभाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि चीफ सेक्रेटरी हैं, कोई कठिनाई आए तो बताएं, लेकिन हर काम वेल प्लांड करें। हर माह वीसी होगी, समीक्षा करेंगे और परफॉर्मेंस देखेंगे। भारत सरकार की हर योजना मे मध्य प्रदेश को नंबर वन रहना होगा। इसके लिए डैश बोर्ड बनेगा। सीएमओ स्तर से रैंडम-ली जांच के लिए कमेटी होगी।
सीएम शिवराज की मुख्य बातें
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में खाद्य वस्तुओं में मिलावट को जड़ से खत्म करें। मिलावट करने वाले स्थानों पर कठोर कार्रवाई करें। मिलावट के विरुद्ध अभियान की रणनीति बनाएं।
दीपावली, छठ और भाईदूज के दौरान समुचित कानून और सुरक्षा व्यवस्था रखें। कोविड की गाइडलाइन के अनुसार सभी जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का पालन करवाएं।
किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराएं। उन्हें परेशानी न हो। इस वर्ष खाद की आपूर्ति पिछले साल से डेढ़ गुना ज्यादा है। खाद की कालाबाजारी करने वालों पर सख्त कार्रवाई करें।
प्रदेश में धान, ज्वार और बाजरा के उपार्जन के लिए पर्याप्त उपार्जन केंद्र बनाए जाएं। धान खरीदी का काम समय पर पूरा करें। मिलर को खरीदी केंद्र से जोड़ा जाए। खरीदी के साथ मिलिंग का कार्य भी साथ-साथ पूरा कराएं।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में प्रदेश के सभी पात्र किसानों का शत प्रतिशत सत्यापन पूरा करें। ग्राम में पटवारियों को भेजकर स्थानीय स्तर पर सत्यापन कराएं। कोई पात्र छूटना नहीं चाहिए।