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मध्य प्रदेश में 15 लोगों पर लगा ‘राजद्रोह’ का आरोप वापस

चैंपियंस ट्रॉफी क्रिकेट के फाइनल में पाकिस्तान की जीत के बाद 15 लोगों पर कथित रूप से पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाने और पटाखे फोड़ने का आरोप लगा था। जिसके बाद पुलिस ने राजद्रोह मामला दर्ज किया था। अब तीन दिन बाद मध्यप्रदेश पुलिस ने राजद्रोह का आरोप वापस ले लिया है।
मध्य प्रदेश में 15 लोगों पर लगा ‘राजद्रोह’ का आरोप वापस

मध्य प्रदेश की बुरहानपुर पुलिस ने  देशद्रोही के आरोप में गिरफ़्तार 15 लड़कों पर से देशद्रोह का केस वापस ले लिया है। रविवार को चैंपियंस ट्रॉफी में भारत-पाक के बीच खेले गए खिताबी मुकाबले में पाक ने भारत को मात दी जिसके चलते पुलिस ने मध्यप्रदेश के बुरहानपुर से 15 लोगों को गिरफ्तार किया था । बुरहानपुर पुलिस का दावा था की मोहद ग्राम के कुछ युवा पाकिस्तान के फाइनल में जीतने का जश्न  मनाया था। 

पुलिस ने चैंम्पियंस ट्रॉफ़ी के फ़ाइनल मैच में पाकिस्तान की जीत पर भारत विरोधी और पाकिस्तान के फाइनल में जीतने का जश्न मनाने वाले लोगो के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 124-ए और अन्य धाराओ के तहत मामला दर्ज किया गया था। बुरहानपुर के पुलिस अधीक्षक राजाराम सिंह परिहार ने आउटलुक को बताया कि उन्होंने ग्रामीणों के खिलाफ देशद्रोह के आरोपों को हटा दिया है, क्योंकि उन्हे  पर्याप्त सबूत नहीं मिल पा रहे है। उन्होंने बताया, "हमने 15 ग्रामीणों के खिलाफ दर्ज की गयी आईपीसी 124 ए (राजद्रोह के आरोप) की धारा को हटा दिया है। हालांकि, ग्रामीणों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा153 ए के तहत मामला दर्ज किया है।" 

सूत्रों की  माने तो गिरफ्तार किए गए अधिकांश ग्रामीण युवा, दैनिक वेतनभोगी है, और उनके ऊपर कोई पूराना अपराध पंजीबद्ध नहीं हुआ है। पुलिस द्वारा प्रकरण दर्ज करने के बाद, ग्रामीणों ने पूरे मामले की जानकारी भारत के राष्ट्रपति, राष्ट्रीय और राज्य मानवाधिकार आयोग, राष्ट्रीय और राज्य अल्पसंख्यक आयोगों के पास पहुंचाया था।  उनका कहना था की पुलिस द्वारा गिरफतार किये गए ग्रामीण निर्दोष हैं और पाकिस्तान की जीत का जश्न नहीं मना रहे थे। शाहपुर पुलिस थाने में मामला दर्ज होने के बाद से ही, पुलिस ने सभी आरोपियो को खंडवा जेल भेज दिया है।

 

 

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