मानव विकास सूंचकांक में भारत का स्थान 188 देशों में से 130 नंबर पर है और इस साल भी इसमें कोई सुधार की गुंजाइश नजर नहीं आ रही। इसकी वजह है क जीवन के बुनियादी सुविधाओं का अभाव बना हुआ है। जीवन-मृत्यू और शिशु मृत्यु दर के ताजा आंकड़े सैंपल रेजस्ट्रेशन सिस्टम (एसआरएस) की एसआरएस बुलेटिन ने 2014 के आंकड़े जारी कए हैं। इनमें सबसे अधिक शिशू-मृत्यू दर मध्य प्रदेश में ही दर्ज की गई है।
इस तरह से पिछले तीन सालों से देश में सबसे अधक शिशू मृत्यू दर मध्य प्रदेश में ही दर्ज हो रही है। वर्ष 2014 में ग्रामीण और शहरी क्षेत्र को मिलाकर शिशू मृत्यू दर 52 दर्ज की गई। वर्ष 2013 में यह 54 थी और वर्ष 2012 में यह 56 थी। यानी मध्य प्रदेश में हाल बहुत खराब है और स्वास्थ्य सेवाओं में जो सुधार के दावे किए जा रहे हैं।
एसआरएस अभी भारत सरकार का सबसे बड़ा डेमोग्राफिक सर्वे करने वाला संस्थान है जो ऑफिस ऑफ द रेजिस्ट्रार जनरल के अंतर्गत काम करता है। यह हाल साल देश भर में जन्म-मृत्यू और शिशु मृत्यु दर से संबंधित आंकड़े जुटाता है। वर्ष 2014 के इन सरकारी आंकड़ों के अनुसार बड़े राज्यों में सबसे अच्छी स्थिति देश की राजधानी दिल्ली की है, जहां शिशु मृत्यु दर 20 है और देश में मणिपुर से सबसे कम है, 11।