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महालक्ष्मी एक्सप्रेस रेस्क्यू ऑपरेशन: इस तरह बचाई गई 1050 यात्रियों की जान

भारी बारिश के कारण रेल पटरियों पर पानी भरने से यह महालक्ष्मी एक्सप्रेस ठाणे जिले में वंगानी के निकट...
महालक्ष्मी एक्सप्रेस रेस्क्यू ऑपरेशन: इस तरह बचाई गई 1050 यात्रियों की जान

भारी बारिश के कारण रेल पटरियों पर पानी भरने से यह महालक्ष्मी एक्सप्रेस ठाणे जिले में वंगानी के निकट फंस गई थी। इस ट्रेन में लगभग 1050 यात्री सवार थे। यह ट्रेन शुक्रवार की रात को मुंबई से कोल्हापुर के लिए रवाना हुई थी लेकिन यह वंगानी से आगे नहीं जा सकी जहां इसे शनिवार की तड़के पहुंचना था। मध्य रेलवे (सीआर) के अधिकारियों ने बताया कि नौ गर्भवती महिलाओं समेत सभी यात्रियों को शाम तीन बजे तक बचा लिया गया। लेकिन ट्रेन के फंसने और बचाव अभियान के पूरा होने के बीच की कहानी काफी रोमांचक है।

महालक्ष्मी एक्सप्रेस शुक्रवार सुबह 8 बजे मुंबई से कोल्हापुर के लिए रवाना हुई थी। उसके बाद ठाणे के बदलापुर स्टेशन से पहले कल रात से यहां फंसी हुई थी जिसमें करीब 1050 यात्री सवार थे। भारी बारिश की वजह से उल्हास नदी का पानी रेलवे ट्रैक पर आने से ट्रेन के दोनों पायदान तक जलभराव होने के बाद ट्रेन को रोक दिया गया था।

अधिकारियों ने बताया कि इन यात्रियों की मदद के लिये भारतीय नौसेना के जवानों के अलावा राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के 200 जवानों को भेजा गया। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस से बात की और उन्हें राहत अभियान में हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।

उसके बाद नौ नौकाओं के साथ एनडीआरएफ के चार दल मौके पर पहुंच गए हैं और राहत अभियान शुरू हो गया है। एनडीआरएफ के अलावा नौसेना ने भी आठ राहत दल तैनात किये थे।

एनडीआरएफ के एक दल में 45 सदस्य होते हैं। इस दल के पास बाढ़ राहत सामग्री और विशेषज्ञ गोताखोर थे। स्थिति के आकलन और यात्रियों की सहायता के लिये विशेष उपकरण और गोताखोरों को हेलीकॉप्टरों की मदद से ट्रेन के पास उतारा गया। ट्रेन से सुरक्षित निकाले गए यात्रियों के लिये राहत ट्रेन की व्यवस्था थी और वहां चिकित्सा सहायता और जलपान की सुविधा भी उपलब्ध थी। यात्रियों के आगे कोल्हापुर तक जाने के लिये भी इंतजाम किए गए।

यानी एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और रेलवे की टीमें मुसाफिरों को रेस्क्यू करने में लगीं रहीं। यही नहीं जल, थल, वायु तीनों सेनाओं की मदद ली गई। ट्रेन में फंसे लोगों को निकालने के लिए चॉपर से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया।

रबर की नावों में बैठकर ट्रेन से यात्रियों को निकाला गया

अधिकारियों ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि महाराष्ट्र सरकार के अनुरोध के बाद रक्षा अधिकारियों ने सीकिंग और एमआई17 हेलीकॉप्टरों को राहत सामग्री और बचावकर्मी बलों के साथ मुंबई से स्थल के लिए रवाना किया। इसके साथ ही एनडीआरएफ की टीमें बदलापुर से ट्रेन में पहुंचीं और करीब 7 किलोमीटर दूर से रबर की नावों में बैठकर ट्रेन से यात्रियों को निकालना शुरू किया।

कुछ यात्रियों ने की पैदल यात्रा लेकिन फंस गए....

ट्रेन के बाढ़ के पानी में फंस जाने के चलते कुछ यात्रियों के एक समूह ने बदलापुर स्टेशन के लिए पैदल यात्रा शुरू कर दी थी, लेकिन तीन से छह फीट तक बाढ़ के पानी में वह फंस गए। ग्रामीणों ने रस्सी फेंक कर उन्हें बाहर निकाला। भारतीय वायुसेना और एनडीआरएफ की टीमों ने लगभग सात लोगों के इस समूह को बाद में क्षेत्र से सुरक्षित बाहर निकाला।

सोशल मीडिया के जरिए मांगी गई मदद

मुंबई-कोल्हापुर ट्रेन के सैकड़ों घबराए, भूखे-प्यासे यात्रियों ने मोबाइल से वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर मदद की अपील की थी। उन्होंने कहा कि उनकी ट्रेन के आस-पास पांच से छह फीट तक पानी जमा है, जिसके कारण वह पिछले 15 घंटों से फंसे हुए हैं और निकलने का कोई रास्ता नहीं है। यात्रियों ने वीडियो में कहा था कि उनके पास खाने-पीने के लिए भी कुछ नहीं है। वहीं मध्य रेलवे (सीआर) ने बाहर के खतरनाक जलस्तर को देखते हुए महालक्ष्मी एक्सप्रेस के यात्रियों को ट्रेनों से बाहर न निकलने के बाबत चेतावनी दी थी। रेलवे ने यात्रियों से अनुरोध किया था कि उन्हें शीघ्र ही मुहैया कराई जाएगी और वे मदद के लिए प्रतीक्षा करें।

अमित शाह ने की तारीफ

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राहत दलों की प्रशंसा करते हुए कहा कि केन्द्र स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए है।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), नौसेना, वायुसेना, सेना, रेलवे और राज्य प्रशासन की टीमों ने सभी यात्रियों को बचा लिया।’’

एक महीने की बच्ची और नौ गर्भवती महिलाओं सहित सभी यात्री सुरक्षित

सीआर के मुख्य प्रवक्ता सुनील उदासी ने ‘कहा कि सभी 1,050 यात्रियों को मौके से बचा लिया गया है। उदासी ने कहा, ‘‘महालक्ष्मी एक्सप्रेस के प्रभावित यात्रियों के साथ 19 डिब्बों वाली एक विशेष ट्रेन कल्याण से कोल्हापुर के लिए रवाना होगी।

राहत अभियान में शामिल अधिकारियों ने बताया कि नौ गर्भवती महिलाओं और एक महीने की एक बच्ची को भी सुरक्षित बचा लिया गया है।

इनपुट एजेंसी

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