मुंबई के आरटीआई कार्यकर्ता जितेन्द्र घडगे द्वारा सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी के जवाब में लोकायुक्त कार्यालय ने कहा है कि वर्ष 2014, 2015 और 2016 (जुलाई तक) में क्रमश: 5,860, 5,200, और 3,028 शिकायतें मिलीं। इनमें से क्रमश: 914, 831 और 118 शिकायतों को बिना किसी कार्रवाई के बंद कर दिया गया है क्योंकि वे कार्रवाई योग्य नहीं थीं। जवाब में कहा गया कि लोकायुक्त ने 2014 में 319 और 2015 में 22 शिकायतें कार्रवाई के लिए संबंधित प्राधिकार को सौंपे। लेकिन इनमें से 2014 में 192 और 2015 में 44 (2014 के बचे हुए) तथा 2016 में सिर्फ एक शिकायत पर कार्रवाई रिपोर्ट मिली है।
दी गई जानकारी में यह भी कहा गया है कि कम से कम 795 मामलों में लोकायुक्त संबंधित प्राधिकार द्वारा की गई कार्रवाई से संतुष्ट नहीं थे। घडगे ने आरोप लगाया कि लोकायुक्त को सिर्फ सिफारिशी संगठन बना दिया गया है और अधिकारों की गैर-मौजूदगी में वह शक्तिहीन हो गया है।