Advertisement

झारखंडः दुकानों में बिकेगी महुआ शराब, एससी-एसटी को मिलेगी प्राथमिकता

म‍हुआ से बनने वाली शराब को अब बाजार देने की योजना है। सरकार दुकानों में इसके बिकवाने पर योजना पर मंथन...
झारखंडः दुकानों में बिकेगी महुआ शराब, एससी-एसटी को मिलेगी प्राथमिकता

म‍हुआ से बनने वाली शराब को अब बाजार देने की योजना है। सरकार दुकानों में इसके बिकवाने पर योजना पर मंथन कर रही है। झारखंड के गांवों में अभी तक लोग अवैध तरीके से महुआ शराब की चुलाई करते थे। खुद की खपत के लिए और दूसरों को बेचने के लिए भी।

आदिवासी समाज में हड़‍िया यानी चावल से बनी बीयर और महुआ चुलाकर बनने वाली शराब लोकप्रिय है। यह उनके खानपान का हिस्‍सा की तरह है। आये दिन उत्‍पाद विभाग ऐसे अवैध ठिकानों पर रेड कर महुआ और बनाये जाने वाले उपकरण जब्‍त करता रहा है।

उत्‍पाद विभाग की मुख्‍यमंत्री ने गुरुवार को समीक्षा की उसी क्रम में उत्‍पाद सचिव विनय कुमार चौबे ने महुआ शराब के औपचारिक उत्‍पादन और आउटलेट से बिक्री के संबंध में रोड मैप पेश किया। बताया कि इससे राजस्‍व की भी प्राप्ति होगी। और इसे पसंद करने वालों को मानक तरीके की महुआ शराब मिल जायेगी। राजस्‍व बढ़ाने व अन्‍य हिदायतों के अतिरिक्‍त बैठक में मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि शराब दुकानों के आवंटन में अनुसूचित जाति व जनजाति के लोगों को आरक्षण के तहत प्राथमिकता दी जाये। इससे इस वर्ग के लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।

गरमी के दिनों में आप झारखंड के ग्रामीण इलाकों में घूमेंगे तो चारों तरफ महुए की मादक गंध आप को मदहोश कर देगी। अमूमन इसे शराब बनाने और पशु चारा के रूप में इस्‍तेमाल किया जाता है। महुआ सेहत खासकर पेट के लिए बहुत मुफीद है। इसके देखते हुए कुछ इसके लड्डू और केक भी तैयार किये जा रहे हैं। अचार तो लोग पहले से बनाते रहे हैं। योजना कारगर हुई तो अब अवैध तरीके से महुआ चुलाई के बदले इसे नियोजित तरीके से महुआ शराब को बाजार मिल जायेगा।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad