केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कश्मीर दौरा कर वहां सुरक्षा का जायजा लिया। इस मौके पर उन्होंने बताया कि पिछले चार महीने में कश्मीर में होने वाली पत्थरबाजी में कमी आई है और उन्हें आंतकियों की भर्ती में भी गिरावट आने की सूचना मिली है।
राज्य में इस समय पंचायत चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। इसे लेकर राजनाथ सिंह ने कहा कि इन चुनावों में भी हिंसा की कोई खबरें नहीं आई हैं। यहां बता दें कि राज्य की दो प्रमुख पार्टियों नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी सहित अलगाववादियों ने इन चुनावों के बहिष्कार का ऐलान किया है।
21 अक्टूबर को कुलगाम में एक एककांउटर के बाद हुए विस्फोट में मारे गए व्यक्तियों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये देने की घोषणा भी गृहमंत्री ने की। राजनाथ सिंह ने इस घटना को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया और लोगों से एनकाउंटर वाली जगह न जाने की आपील भी की। राजनाथ सिंह ने एक बार फिर बातचीत करने के लिए सभी पक्षों को आमंत्रित किया लेकिन यह भी जोड़ा कि आंतक और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते। गृहमंत्री के अनुसार राज्य और केंद्र की सरकारें राज्य तीनों हिस्सों जम्मू, लद्दाख और कश्मीर के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं और दोनों का उद्देश्य राज्य को विकसित राज्य में बदलना है।
राज्य में है राज्यपाल का शासन
जम्मू-कश्मीर में इसी बीते हुए जून की 19 तारीख से राज्यपाल शासन लगा हुआ है। भाजपा द्वारा पीडीपी सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इस्तीफा दे दिया था। यह राज्यपाल शासन पिछले 40 साल में ऐसा आठवीं बार लगा है। इस समय सत्यपाल मलिक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल हैं।
राज्य में पंचायती चुनाव
जम्मू कश्मीर में पंचायती चुनाव 9 चरणों में आयोजित किए जा रहे हैं। 17 नवंबर से 11 दिसंबर तक पंचायती चुनाव होंगे। ये चुनाव बैलेट पेपर से हो रहे हैं। वहीं, जिस दिन चुनाव खत्म होंगे उसी दिन वोटों की गिनती भी शुरू हो जाएगी। राज्य की मुख्य पार्टियों नेशलन कॉन्फ्रेंस और पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने संविधान के अनुच्छेद 35A का हवाला देते हुए, निकाय चुनावों को बहिष्कार करने का ऐलान किया था।