पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का भाजपा और केंद्र सरकार से झगड़ा जगजाहिर है। इसी सिलसिले में एक और कड़ी जुड़ गई है। असल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 सितंबर को देश की सभी यूनिवर्सिटी और कॉलेजों के छात्रों को लाइव टेलीकास्ट के जरिए भाषण देंगे। इसके लिए यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) ने लाइव सभी यूनिवर्सिटी को लाइव टेलीकास्ट के लिए सर्कुलर जारी किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसका विरोध किया है। उन्होंने राज्य की सभी यूनिवर्सिटी से कहा है कि मोदी की स्पीच सुनने-देखने के लिए कोई जरूरी इंतजाम ना किए जाएं। बीजेपी ने इस फैसले को लोकतंत्र के लिए दुर्भाग्यपूर्ण और असहनीय बताया है।
वहीं भाजपा प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा, 'ये ममता सरकार का दुर्भाग्यपूर्ण और चौंकाने वाला फैसला है। संघीय व्यवस्था में पीएम सबसे ऊपर होता है। क्या किसी राज्य के मुख्यमंत्री को हक है कि वो केंद्र का आदेश नहीं माने और छात्रों के लिए प्रधानमंत्री की स्पीच पर रोक लगा दे। आप (ममता बनर्जी) पश्चिम बंगाल की चुनी हुई मुख्यमंत्री हैं। लोकतंत्र में ऐसा बर्ताव असहनीय है।'' दूसरी ओर, बीजेपी नेता सुदेश वर्मा ने पश्चिम बंगाल सरकार के फैसलों को मूर्खतापूर्ण करार दिया। उन्होंने कहा, 'स्वामी विवेकानंद की 125 वीं जयंती पर राष्ट्रप्रेम बढ़ाने के उद्देश्य से किए जा रहे किसी कार्यक्रम का विरोध करना मूर्खतापूर्ण है।'
क्या कहा गया है यूजीसी के सर्कुलर में?
प्रधानमंत्री के भाषण को लेकर यूजीसी ने देश की सारी यूनिवर्सिटी और सारे कॉलेजों को टेलीकास्ट के लिए सर्कुलर जारी किया है। इसके मुताबिक, सभी छात्र और अध्यापक 11 सितंबर को यंग इंडिया-न्यू इंडिया पर मोदी की स्पीच जरूर सुनें। लाइव टेलीकास्ट के लिए कॉलेजों को सभी जरूरी इंतजाम पहले से करने का आदेश भी दिया है।
मोदी की स्पीच को 'Young lndia, New lndia- A Resurgent Nation: From Sankalp to Sidhhi' टाइटल दिया गया है। इसे स्वामी विवेकानंद के शिकागो विश्व धर्म संसद में दिए भाषण के 125 साल पूरे होने और पंडित दीनदयाल उपाध्याय शताब्दी समारोह के तहत रखा गया है। कहा जा रहा है कि इस दौरान पीएम यंग इंडिया के लिए विवेकानंद की सीखों पर बात कर सकते हैं। इसके लिए एचआरडी मिनिस्ट्री ने एक लिंक जारी किया है, जहां लाइव स्पीच सुनी जा सकती है।
ममता बनर्जी ने पहली बार नहीं किया है ऐसा
बता दें कि ममता बनर्जी लगातार ऐसा कर रही हैं। इससे पहले भी उन्होंने 15 अगस्त को लेकर केंद्र सरकार के एक सर्कुलर को मानने से इनकार कर दिया था। इस सर्कुलर में कहा गया था कि स्कूल-कॉलेजों में स्वतंत्रता दिवस किस तरह मनाया जाए।
इसके साथ ही भाजपा लगातार ममता सरकार पर आरोप लगा रही है कि उसने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के कार्यक्रमों को लेकर सभागारों की बुकिंग रद्द करवा दी हालांकि सत्तासीन तृणमूल कांग्रेस ने इन आरोपों से इनकार किया था।