दिल्ली में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। इस बीच शुक्रवार को उप-राज्यपाल अनिल बैजल ने होम क्वारेंटाइन को बंद करने का आदेश दिया है। अब सभी कोरोना मरीजों के लिए कम से कम पांच दिन इंस्टिट्यूशनल क्वारेंटाइन जरूरी कर दिया गया है। हालांकि एलजी के इस फैसले का दिल्ली सरकार ने विरोध करते हुए उसे मनमाना करार दिया है।
अपने आदेश में उप-राज्यपाल ने कहा कि पांच दिन इंस्टिट्यूशनल क्वारेंटाइन में रहने के बाद कोविड-19 के बिना लक्षण वाले मरीजों को घर पर क्वारेंटाइन के लिए भेज दिया जाएगा। लक्षण वाले मरीजों को जरूरत पड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा।
फिजिकल वेरिफिकेशन करेगी जिला सर्विलांस ऑफिसर की टीम
एलजी के आदेश में कहा गया है कि जिला मजिस्ट्रेट की निगरानी में जिला सर्विलांस ऑफिसर की टीम होम आइसोलेशन वाले हर व्यक्ति की फिजिकल वेरिफिकेशन करेगी। आदेश में यह भी कहा गया है कि दिल्ली सरकार ने जिस कंपनी को होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों को फोन पर सलाह देने के लिए आउटसोर्स किया था, उसकी सेवाएं समाप्त की जा रही हैं।
हर मामले की फिजिकल वेरिफिकेशन
एलजी ने अपने आदेश में कहा है कि होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों के साथ बिना फिजिकल कॉन्टैक्ट के मॉनिटरिंग के चलते भी दिल्ली में कोरोना फैल रहा है, ये भी एक कारण हो सकता है। हर मामले की फिजिकल वेरिफिकेशन की अनिवार्य जरूरत महसूस की गई है।
दिल्ली में पिछले 24 घंटे में 3,137 नए मामले
रोज के आंकड़े देखें तो पाएंगे कि दिल्ली में कोरोना संक्रमण की रफ्तार में तेजी आई है। दिल्ली में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 3,137 नए मरीज की पुष्टि हुई है। इसके साथ ही दिल्ली में कोरोना वायरस के मरीजों का आंकड़ा 53,116 पर पहुंच गया है। अच्छी बात यह है कि दिल्ली में कोरोना मरीज लगातार ठीक हो रहे हैं। अब तक 23,569 कोरोना मरीज ठीक हो चुके हैं। दिल्ली में फिलहाल एक्टिव कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या 27,512 है।
एलजी के फैसले से असहमत दिल्ली सरकार
वहीं एलजी के आदेश पर दिल्ली सरकार का कहना है कि होम आइसोलेशन की पहल कोरोना के खिलाफ चल रही निर्णायक लड़ाई में सबसे सफल रही है। हमने हजारों ऐसे कोरोना मरीजों का उपचार किया है जिनमें संक्रण के लक्षण नहीं थे, या कम थे। दिल्ली सरकार का कहना है कि हम ऐसे मरीजों की हर दिन देखभाल कर रहे थे और काउंसलिंग कर रहे थे। होम आइसोलेशन प्रोटोकॉल का पालन कड़ाई से हो रहा था, जैसा कि आईसीएमआर ने निर्देशित किया था।
दिल्ली सरकार ने यह भी कहा है कि होम आइसोलेशन ने ऐसे मरीजों को भी सामने आने में मदद की जिनमें कोरोना के हल्के लक्षण थे, उन्होंने टेस्ट कराया। उन्हें लगा कि जबरन उन्हें अस्पताल या क्वारेंटाइन सेंटर में नहीं भेजा जाएगा। एलजी के आदेशों पर दिल्ली सरकार ने असहमति जताई है।
'लोग नहीं कराएंगे कोरोना टेस्ट'
दिल्ली सरकार ने कहा है कि आज का आदेश होम आइसोलेशन पर रोक लगा रहा है। ऐसे में लोग टेस्टिंग से परहेज करेंगे और कोरोना संक्रमण का फैलाव होगा। मिश्रित लक्षणों वाले मरीज भी कोरोना की जांच नहीं कराएंगे। होम आइसोलेशन पर रोक टेस्टिंग को हतोत्साहित करेगी।
दिल्ली में डॉक्टर और नर्सों की कमी: दिल्ली सरकार
दिल्ली सरकार का कहना है कि कोविड मरीजों के उपचार के लिए दिल्ली में डॉक्टरों और नर्सों की पहले से ही गंभीर रूप से कमी है। क्वारेंटाइन सेंटर में इन मरीजों का उपचार करने के लिए कैसे पर्याप्त मैनपॉवर उपलब्ध होगा।
फैसले पर फिर से विचार करें एलजी: दिल्ली सरकार
दिल्ली सरकार की ओर से कहा गया है कि दिल्ली सरकार की पूरी मैन-पावर पहले से ही लगी हुई है। अब, संक्रमण के लक्षण न दिखने वाले हजारों लोगों के लिए बड़े क्वारेंटाइन केंद्रों के लिए घर बनाने की जरूरत पड़ेगी। फिलहाल हजारों मरीजों का इलाज घर पर किया जा रहा है।