मणिपुर में एक भाजपा विधायक ने केंद्र और कुकी विद्रोही समूहों के बीच किसी भी शांति वार्ता का विरोध किया। विद्रोही समूहों ने सरकार के साथ अभियान स्थगित करने (एसओओ) का समझौता किया है।
मेइती विधायक राजकुमार इमो सिंह ने सरकार और यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट और 24 कुकी विद्रोही समूहों के संगठन ‘कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन’ के प्रतिनिधियों के बीच बातचीत के खिलाफ बयान दिया। इन संगठनों ने सरकार के साथ एसओओ पर हस्ताक्षर किये हैं।
सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों ने बृहस्पतिवार और शुक्रवार को नयी दिल्ली में कुकी विद्रोही समूहों के सदस्यों के साथ वार्ता की।
सिंह ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि केंद्र सरकार और विद्रोही समूहों के बीच कोई बातचीत नहीं होनी चाहिए क्योंकि उन्होंने नियमों का उल्लंघन किया है। उन्होंने कहा कि लगातार हिंसा के लिए इन विद्रोही समूहों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
वहीं, इससे पहले मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने शुक्रवार को कहा कि जातीय-संघर्ष से ग्रस्त राज्य में शांति एवं सामान्य स्थिति बहाल करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। सिंह ने लोगों से राज्य में तीन मई से शुरू हुई जातीय हिंसा के कारण बर्बाद हुए समय की भरपाई के लिए दोगुनी मेहनत करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा, “शांति व सामान्य स्थिति बहाल करना सर्वोपरि है। सभी को ऐसी टिप्पणी करने और चर्चा में शामिल होने से बचना चाहिए, जो दूसरे समुदाय के लिए परेशान करने वाली हो सकती है।” उन्होंने कहा, “विचारों में मतभेद होगा, लेकिन लोगों को अपने स्वार्थों को परे रखकर सामान्य हितों पर अधिक ध्यान देना चाहिए। अब मुख्य उद्देश्य शांति बहाली है।”
बीरेन सिंह ने कहा, “लोगों को दोगुनी मेहनत करनी चाहिए, ताकि विकास फिर से गति पकड़े और राज्य एक बार फिर एकता एवं प्रगति के पथ पर बढ़े, जिस पर वह पिछले छह वर्षों से आगे बढ़ रहा है।” उन्होंने राज्य में केंद्रीय नेताओं के समर्थन, मार्गदर्शन और निगरानी के लिए उनकी सराहना भी की।