मणिपुर पुलिस ने विगत बुधवार को वायरल हुई वीडियो, जिसमें दो महिलाओं को भीड़ द्वारा निर्वस्त्र घुमाते देखा गया, के संबंध में पांचवे आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने बताया कि आरोपी की पहचान एक 19 वर्षीय युवक के रूप में हुई है।
पुलिस के अनुसार, मणिपुर में हुई चार मई की घटना में महिलाओं को नग्न करने और परेड कराने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। साथ ही इन आरोपियों को शुक्रवार को 11 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया। बता दें कि 19 जुलाई को एक 26 सेकंड की वीडियो वायरल होने के बाद, यह गिरफ्तारियां गुरुवार को की गईं।
गुरुवार को, गिरफ्तारी के कुछ ही देर बाद, मामले के मुख्य आरोपी का घर जला दिया गया। पुलिस के मुताबिक, वीडियो में उसे (मुख्य आरोपी) कांगपोकपी जिले के बी. फीनोम गांव में भीड़ को निर्देशित करते हुए प्रमुख रूप से देखा गया था। वीडियो में नज़र आई एक महिला, पूर्व आर्मी जवान की पत्नी है, जिन्होंने असम रेजिमेंट में बतौर सूबेदार देश सेवा की और यहां तक कि वह कारगिल युद्ध में भी लड़े।
मणिपुर पुलिस ने ट्वीट किया, "मणिपुर वायरल वीडियो मामले में एक और गिरफ्तारी हुई। अब तक कुल 5 मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।" pic.twitter.com/v4mOtdoXSF
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 22, 2023
ज्ञात हो कि वायरल वीडियो के संबंध में अब से एक माह पहले, 21 जून को कांगपोकपी जिले के सैकुल पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई गई थी। न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के अनुसार, इस मामले में दर्ज एफआईआर की कॉपी से आदिवासी महिलाओं के साथ अपहरण और शर्मनाक व्यवहार से पहले हुई मारकाट की कहानी सामने आई, जिसका एक वीडियो अब इस घटना से जुड़े लोगों की छापेमारी और गिरफ्तारी का आधार बन गया है।
एफआईआर में दावा किया गया कि चार मई को सरेराह दो महिलाओं को नग्न कर घुमाने और उनका यौन शौषण करने से पहले, भीड़ द्वारा एक युवक की हत्या की गई, जो अपनी बहन का बलात्कार होने से बचाने का प्रयत्न कर रहा था। दरअसल, मेइती समुदाय की "अनुसूचित जनजाति दर्जे" की मांग के विरोध में तीन मई को मणिपुर के पहाड़ी जिलों में निकाले गए "आदिवासी एकजुटता मार्च" में पहली बार हिंसा भड़की थी।
इसके बाद अनेकों हिंसात्मक घटनाओं में अबतक, 160 से भी अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जबकि कई लोग घायल भी हुए। मणिपुर की आबादी में मेइती लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि आदिवासी, जिनमें नागा और कुकी शामिल हैं, 40 प्रतिशत हैं और ज्यादातर पहाड़ी इलाकों में रहते हैं।