भारतीय सेना ने इम्फाल घाटी के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में फ्लैग मार्च निकाला। गौरतलब है कि विगत दिन प्रशासन ने पूर्वी इम्फाल में 18 जून रविवार को सुबह पांच बजे से शाम को पांच बजे तक कर्फ्यू में ढील देने का निर्णय लिया, ताकि आम जनता जरूरी सामग्री, दवाइयां खरीद सके।
जिला मजिस्ट्रेट, इंफाल पूर्व, खुमनथेम डायना देवी द्वारा जारी आदेशों के अनुसार, "इस कार्यालय आदेश दिनांक 3 मई 2023 के द्वारा इम्फाल पूर्वी जिले में लगाए गए अपने संबंधित आवासों के बाहर किसी भी व्यक्ति के आंदोलन को प्रतिबंधित करने वाली धारा 144 सीआरपीसी, 1973 के तहत कुल जनता कर्फ्यू में 18 जून 2023 को सुबह 5 बजे से शाम 5 बजे तक छूट दी जाती है।"
आगे कहा गया, "केवल उस क्षेत्र को छोड़कर जिसके लिए नीचे अनुसूची दी गई है ताकि आम जनता को दवाओं और खाद्य आपूर्ति सहित आवश्यक वस्तुओं की खरीद करने में आसानी हो।" बता दें कि जिन क्षेत्रों में कर्फ्यू में ढील दी जाएगी उनमें हट्टा क्रॉसिंग से आरडीएस क्रॉसिंग, इम्फाल नदी संजेनथोंग से मिनुथोंग, मिनुथोंग से हट्टा क्रॉसिंग और आरडीएस क्रॉसिंग से संजेनथोंग शामिल हैं।
3 मई को कुकी और मेइती समुदायों के बीच झड़प के बाद मणिपुर में धारा 144 के तहत कर्फ्यू लगा दिया गया है। इसके बाद हुई हिंसा ने 100 से अधिक लोगों की जान ले ली और हजारों विस्थापित हो गए। अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को मणिपुर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यालय थोंगजू में भीड़ ने तोड़फोड़ की।
ज्ञात हो कि 3 मई को मणिपुर में हिंसा फैली, क्योंकि अनुसूचित जनजाति (एसटी) सूची में मेइती को शामिल करने की मांग के विरोध में ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन (एटीएसयू) द्वारा आयोजित एक रैली के दौरान झड़पें हुईं। उच्च न्यायालय के एक निर्देश के मद्देनजर, राज्य सरकार को अनुसूचित जनजातियों (एसटीएस) की सूची में मेइती समुदाय को शामिल करने पर विचार करने के लिए कहने के मद्देनजर जातीय हिंसा एक महीने से अधिक समय से राज्य में जारी है।