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मारिया का तबादला, जावेद बने मुंबई पुलिस प्रमुख

मुंबई पुलिस प्रमुख के पद से राकेश मारिया को हटाकर महानिदेशक, होमगार्ड रहे अहमद जावेद को मुंबई का नया आयुक्त बनाया गया है। बहुचर्चित शीना बोरा हत्या की जांच के मध्य में हुए इस तबादले ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि देर शाम नाटकीय घटनाक्रम में सरकार की ओर से गृह सचिव ने बताया कि तबादले और प्रोन्नति के बावजूद मारिया शीना बोरा हत्या मामले की जांच की निरानी करते रहेंगे।
मारिया का तबादला, जावेद बने मुंबई पुलिस प्रमुख

शीना बोरा हत्या मामले की जांच के बीच में अचानक लिए गए एक फैसले के तहत मुंबई पुलिस आयुक्त राकेश मारिया को पदोन्नति देते हुए पुलिस महानिदेशक, होमगार्ड बना दिया गया है जबकि महानिदेशक रैंक के अधिकारी अहमद जावेद को मुंबई का पुलिस प्रमुख बनाया गया है। चर्चा है कि मारिया का तबादला शीना बोरा हत्या केस में उनके अत्यधिक दिलचस्पी लेने से मुख्यमंत्री के नाराज होने की वजह से किया गया है। लेकिन दिनभर की हलचल के बाद शाम होते होते एक अजीब घटनाक्रम में उन्हें इस मामले की जांच की निगरानी से नहीं हटाने का सरकार की ओर से एेलान किया गया। वहीं इस तबादले के पीछे दिन भर दिल्ली के भी दबाव की चर्चा होती रही। हालांकि महाराष्ट्र गृह विभाग ने इस बदलाव का संबंध हाई प्रोफाइल शीना बोरा हत्या मामले की चल रही जांच से होने से इनकार करते हुए इसे गणपति महोत्सव से पहले कानून और व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए लिया गया फैसला करार दिया है। 

अतिरिक्त प्रमुख सचिव (गृह) के पी बक्शी ने बताया कि 1981 के बैच के आईपीएस अधिकारी राकेश मारिया को महानिदेशक पद पर प्रोन्नत किया गया है और अहमद जावेद की जगह उन्हें होमगार्ड का महानिदेशक बनाया गया है। अहमद जावेद जो डीजी (होमगार्ड) थे मुंबई के नए पुलिस आयुक्त बनाए गए हैं। बक्शी ने जानकारी दी कि मुंबई पुलिस आयुक्त के पद का उन्नयन करते हुए इसे महानिदेशक स्तर का पद बना दिया गया है। अचानक हुए इस तबादले पर उठ रहे सवालों का जवाब देते हुए बक्शी ने कहा कि मारिया के स्थानांतरण में कोई जल्दबाजी नहीं हुई है। यदि उन्हें 30 सितंबर को, यानी महाराष्ट्र के महत्वपूर्ण समारोह गणपति महोत्सव के बीच में स्थानांतरित किया जाता तो यह उचित नहीं होता। इसलिए हमने मारिया को पहले ही प्रोन्नति देने का फैसला किया। खास बात है कि यह तबादला ऐसे समय हुआ है जब राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस जापान के दौरे पर गए हुए हैं। हालांकि दावा किया जा रहा है कि मुख्यमंत्री देवेन्द्र फणनवीस ने पांच दिन की जापान यात्रा पर रवाना होने से पहले ही इस तबादले को मंजूरी दे दी थी। मंगलवार देर शाम को अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) के पी बक्शी ने बताया कि सरकार ने फैसला किया है कि राकेश मारिया की पदोन्नति और तबादले के बावजूद शीना बोरा हत्याकांड की निगरानी वह करते रहेंगे।

वहीं मुंबई के नए पुलिस आयुक्त अहमद जावेद ने इन खबरों को गलत बताया कि मारिया के तहत मामले की जांच कर रहे दल को भंग कर दिया गया है। जावेद ने कहा, शीना बोरा हत्याकांड की जांच का हिस्सा रहे दल के किसी अधिकारी को हटाया नहीं गया है और जांच सही दिशा में है। उन्होंने कहा कि मामले का हर पहलू व्यापक रूप से सिद्ध किया जाएगा और जब भी कोई महत्वपूर्ण घटनाक्रम होगा तो मीडिया के साथ उसे साझा किया जाएगा।

वहीं राजनीतिक दलों ने इस फैसले का विरोध करना शुरू कर दिया है। विपक्षी कांग्रेस और राकांपा ने मारिया के तबादले की कड़ी आलोचना की है। मुंबई कांग्रेस के प्रमुख संजय निरूपम ने इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि मारिया का तबादला नई दिल्ली में बैठे आकाओं और कॉरपोरेट घरानों के अवांछित दबाव के चलते किया गया है। निरूपम ने कहा चूंकि मारिया एक महत्वपूर्ण हत्या मामले की जांच का जिम्मा संभाल रहे थे इसलिए सरकार को जांच पूरी होने का इंतजार करना चाहिए था। ऐसा लगता है कि यह असामयिक तबादला दिल्ली में सरकार के आकाओं और कुछ कोरपोरेट घरानों, जिनके इसमें निहित स्वार्थ हैं, के दबाव में आकर किया गया है, जोकि गलत है। राकांपा की मुंबई इकाई के अध्यक्ष सचिन अहीर ने भी तबादले के फैसले के विरोध मे कहा कि मारिया एक कार्यकुशल पुलिस अधिकारी हैं और अगर सरकार ने इस तबादले के लिए इस महीने के अंत तक इंतजार किया होता तो किसी ने इसपर उंगली नहीं उठाई होती। उधर मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त और उत्तर प्रदेश से भाजपा सांसद सत्यपाल सिंह ने टीवी चैनलों को बताया कि मारिया को पद से हटाने की एक वजह मारिया की पीटर मुखर्जी से नजदीकी हो सकती है। 

वैसे मारिया भी पिछले कुछ समय से चर्चा में थे। कुछ समय पहले ही आईपीएल प्रमुख ललित मोदी के साथ जुलाई 2014 में लंदन में हुई उनकी मुलाकात का वीडियो सामने आया और फिर से वह चर्चा में तब आए जब उन्होंने शीना बोरा हत्याकांड में कुछ ज्यादा ही दिलचस्पी दिखाई। उन्हें शीना की मां इंद्राणी मुखर्जी सहित आरोपियों से पूछताछ करने के लिए अक्सर खार पुलिस स्टेशन जाते देखा गया।

 

 

 

 

 

 

 

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