पुलिस ने कहा कि उक्त इलाके में अब भी तलाश अभियान आॅपरेशन जारी है इसलिए वहां किसी भी असैन्य व्यक्ति का जाना प्रतिबंधित है। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि इसमें कोई विशेष बात नहीं है। मथुरा से सांसद हेमामालिनी को रोकने के पीेछे पुलिस की कोई विशेष मंशा नहीं है और उनका इरादा साफ है। अभी पूरा इलाका सुरक्षित घोषित नहीं हुआ है। पुलिस और विशेषज्ञों के दल चप्पे-चप्पे की छानबीन कर रहे हैं कि कहीं कोई विस्फोटक न छिपा हो। यदि एेसे में वीआईपी या किसी भी व्यक्ति के साथ कोई दुर्घटना घट जाती है तो जवाब देना मुश्किल हो जाएगा।
गौरतलब है कि गुरुवार को मथुरा के दो जाबांज पुलिस अधिकारियों की शहादत और दो दर्जन अन्य लोगों के मारे जाने की घटना के बाद सांसद हेमामालिनी द्वारा अपनी नई फिल्म एक थी रानी की शूटिंग से संबंधित तस्वीरें ट्वीट किए जाने और उनकी जानकारी दिए जाने पर उन पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा था। उन्होंने इसके बाद अपनी वह पोस्ट तुरंत हटाकर मथुरा की घटना पर दुख जताने से संबंधित पोस्ट डाल दी थी। उन्होंने बाद में आज मथुरा पहुंचने की भी जानकारी सोशल मीडिया पर साझा की थी।
पार्टी के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा ने शुक्रवार को इस मामले में पुलिस एवं जिला प्रशासन की कथित ढिलाई और समाजवादी पार्टी सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए शनिवार को कलक्ट्रेट पर धरना दिए जाने की घोषणा की थी। सांसद भी धरने में शामिल होने पहुंची थीं। हेमामालिनी ने इससे पूर्व घायल पुलिसकर्मियों से अस्पताल जाकर मुलाकात की थी। उन्होंने मीडिया से कहा, मुझे वाकई बहुत दुख है कि मुकुल द्विवेदी एवं संतोष यादव जैसे दो कर्मठ पुलिस अधिकारियों को हमने इस प्रकार खो दिया। उन्होंने कहा, अगर जिला प्रशासन ने थोड़ी भी सूझ-बूझ से काम लिया होता, तो आज इतनी बड़ी क्षति न होती। यह अखिलेश सरकार की कानून और व्यवस्था को भली प्रकार से कायम न रख पाने की सबसे बड़ी विफलता है। हेमा मालिनी शहीदों के परिजनों से भी मुलाकात की।