दिल्ली के शालीमार बाग के मैक्स अस्पताल की लापरवाही के कारण मृत घोषित नवजात बच्चे की इलाज के दौरान पीतमपुरा के अस्पताल में मौत हो गई। इस बच्चे को अस्पताल ने मृत घोषित कर दूसरे बच्चे के साथ पॉलीथिन में पैक करके उसके परिजनों को सौंप दिया था। इस बच्चे का जन्म 30 नवंबर को हुआ था। डीसीपी असलम खान (नार्थ-वेस्ट) ने भी बच्चे की मौत की पुष्टि की है। दूसरी ओर, बच्चे के पिता आशीष सिंह ने बच्चे के शव को लेने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि जबतक दोषियों की गिरफ्तारी नहीं हो जाती तबतक वह शव नहीं लेंगे।
Max hospital newborn twins medical negligence case: The newborn who was found to be alive later by parents has also passed away during treatment at a hospital in Pitampura #Delhi
— ANI (@ANI) December 6, 2017
जब बच्चों के परिजन अंतिम संस्कार के लिए जा रहे थे तभी एक बच्चा जिंदा निकला था। इसके बाद उसे नजदीक के अस्पताल में लाया गया जहां उसे जिंदा बताया गया और उसका इलाज शुरू किया गया। बच्चे के पिता ने कहा कि जबतक दोनों दोषी डॉक्टरों की गिरफ्तारी नहीं हो जाती तबतक वह न तो बच्चे का शव ही लेंगे और न ही मैक्स में भर्ती अपनी पत्नी को ही वहां से ले जाएंगे।
इसके बाद अस्तपाल प्रशासन ने दो डॉक्टरों को अनदेखी के आरोप में बर्खास्त कर दिया। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने भी अस्पताल प्रशासन के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 91 और 160 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। बच्चे के परिजन भी अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर अस्पताल के बाहर धरने पर बैठे। यहां मौजूद बच्चे के चाचा ने कहा कि वे अस्पताल के बाहर विरोध जारी रखेंगे।
प्राथमिक जांच रिपोर्ट के अनुसार इस मामले में अस्पताल को नवजात बच्चों के इलाज के लिए तय मेडिकल मानकों को पूरा नहीं करने का दोषी पाया गया है। यह रिपोर्ट मंगलवार को आई है।
मैक्स हेल्थ केयर ने बयान जारी कर बच्चे की मौत पर दुख जताया है। बयान में कहा गया है कि हमारी गहरी संवेदना बच्चे के अभिभावकों और परिजनों के साथ है।