मायावती ने कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर उत्तर प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए केन्द्र से प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की परोक्ष मांग की और कहा कि अगर एेसा नहीं हुआ तो आगामी विधानसभा चुनाव में जनता भाजपा और उसकी केन्द्र सरकार को कतई माफ नहीं करेगी।
मायावती ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में भाजपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भी हमला करते हुए कहा कि मोदी प्रदेश में आकर अपनी हर जनसभा में प्रदेश का विकास करने और यहां की गरीबी को दूर करने की बढ़-चढ़कर बातें कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में जो वादे किये थे, जनता जानना चाहती है कि उन वादों का क्या हुआ। जमा काला धन वापस लाकर प्रत्येक नागरिक को देने को कहा गया था, वह जनता को अच्छी तरह याद है। बसपा भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व से जानना चाहती है कि सरकार के दो साल बीतने के बाद भी कालेधन का एक भी रुपया जनता को क्यों नहीं मिल पाया है।
मायावती ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को चुनौती दी कि अगर वह कानून-व्यवस्था को लेकर इतने ही गम्भीर हैं तो अपने मंत्रिमण्डल में शामिल सभी आपराधिक छवि वाले मंत्रियों को निकाल बाहर करें। मगर वह एेसा नहीं करेगी, क्योंकि अगर एेसा हुआ तो सपा खाली और खोखली हो जाएगी। बसपा मुखिया ने कहा कि सपा सरकार के संरक्षण में पल रहे असामाजिक, माफिया और साम्प्रदायिक तत्वों का हौसला इस कदर बढ़ गया है कि वे दिनदहाड़े पुलिसकर्मियों की जान तक ले रहे हैंं और सरकार इस घातक गिरावट के प्रति संवेदनशील होने की बजाय शहीदों की जान की कीमत लगाकर अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो लेती है। आज आम जनता के साथ पुलिस और अन्य सरकारी कर्मचारी जितने असुरक्षित हैं, उतने पहले कभी नहीं थे।