मध्य प्रदेश में एमबीबीएस यानी डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहे छात्रों को अब आरएसएस के विचारों को भी पढ़ाया जाएंगा। ये नियम इस साल से शुरू होने वाले सेशन के साथ लागू कर दिया जाएगा। राज्य सरकार के मुताबिक मेडिकल छात्रों के फाउंडेशन कोर्स में इसे इसी सत्र से बतौर लेक्चर जोड़ा जा रहा है। तर्क दिया जा रहा है कि इसमें छात्रों के बौद्धिक विकास के लिए देश के विचारकों के सिद्धांत और वैल्यू बेस्ड मेडिकल एजुकेशन को शामिल किया जाएगा।
जिन विचारकों को चुना गया है उनमें आयुर्वेद विषारद के रूप में विख्यात महर्षि चरक, स्वामी विवेकानंद, सर्जरी के पितामह आचार्य सुश्रुत के साथ, आरएसएस के संस्थापक डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार, जनसंघ के संस्थापक पं. दीनदयाल उपाध्याय और डॉ. भीमराव आंबेडकर शामिल हैं।
राज्य के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने 25 फरवरी को इसके लिए बाकायदा एक नोटशीट विभाग के अफसरों को भेजी थी। सुझाव मांगने के लिए बजावते पांच सदस्यों की कमेटी बनाई गई थी। उन्हीं सुझावों के आधार पर विचारों के सिद्वांत, जीवन दर्शन के महत्व वाले लेक्चर को फाउंडेशन कोर्स में पढ़ाए जाने के लिए शामिल किया गया है। ये लेक्चर फाउंडेशन कोर्स के मेडिकल एथिक्स टॉपिक का हिस्सा होंगे।
गौरतलब है कि एमबीबीएस का कोर्स नेशनल मेडिकल काउंसिल तय करती है। काउंसिल हर कोर्स के टॉपिक बताती है लेकिन उस टॉपिक में क्या लेक्चर होगा ये राज्य का मेडिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट तय कर सकता है। जोड़े गए नए लेक्चर ‘मेडिकल एथिक्स’ टॉपिक का हिस्सा हैं।