जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को अपना इस्तीफा राज्यपाल एनएन वोहरा को सौंप दिया है। उन्होंने यह फैसला भाजपा के गठबंधन से अगल होने और सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद किया। पीडीपी नेता नईम अख्तर ने बताया कि इस बारे में ज्यादा जानकारी शाम को पांच बजे दी जाएगी। महबूबा ने चार अप्रैल 2016 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
इससे पहले, भाजपा ने पीडीपी से गठबंधन तोड़ने के साथ ही महबूबा मुफ्ती सरकार से समर्थन वापस लेने की घोषणा की थी। भाजपा महामंत्री राम माधव ने कहा कि भाजपा का पीडीपी के साथ गठबंधन जारी रखना मुश्किल हो गया था इसकी वजह से हमने अलग होने का फैसला किया। भाजपा नेता ने कहा कि यह फैसला राष्ट्रहित में लिया गया। उन्होंने कहा कि राज्य में राष्ट्रपति शासन ही एकमात्र विकल्प है।
राम माधव ने कहा कि राज्य में आतंकवाद, हिंसा और कट्टरपंथ काफी बढ़ता जा रहा था और लोगों के मौलिक अधिकार खतरे में पड़ने लगे थे। सरकार की कानून-व्वस्था पर से पकड़ कमजोर हो रही थी। पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या इसका एक उदाहरण है। केंद्र ने घाटी के लिए सबकुछ किया। हमने पाकिस्तान द्वारा सीजफायर के उल्लंघन को रोकने की पूरी कोशिश की। उन्होंने आरोप लगाया कि पीडीपी लोगों के किए गए वादों को पूरे करने विफल रही। हमारे नेताओं को जम्मू और लद्दाख के विकास कार्यों के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि मुफ्ती सरकार राज्य में शांति और विकास पर खरी नहीं उतरी।