पश्चिम बंगाल में गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य में चुनाव के बाद हिंसा के कारणों का पता लगाने के लिए चार सदस्यीय दल का गठन किया है। अधिकारियों ने बताया कि ये टीम राज्य में जमीनी स्तर पर जांच करेंगी। मंत्रालय के एक अतिरिक्त सचिव के नेतृत्व में टीम राज्य के लिए रवाना हो गई।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को पश्चिम बंगाल सरकार से राज्य में चुनाव के बाद हुई हिंसा की विस्तृत रिपोर्ट सौंपने को एक बार फिर कहा और ‘‘समय गंवाए बिना’’ ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने को भी कहा गया।
बता दें कि राज्य के कई हिस्सों में मंगलवार के बाद हुई हिंसा में कम से कम छह लोग मारे गए। जिसके खिलाफ भाजपा ने आरोप लगाया है कि टीएमसी समर्थित गुंड़ों ने उनके कई कार्यकर्ताओं को मार डाला, उनकी महिला सदस्यों पर हमला किया, घरों में तोड़फोड़ की, उनके सदस्यों की दुकानों को लूटा जा रहा है और उनके कार्यालयों में तोड़फोड़ की जा रही है।
वहीं भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने बुधवार को आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा में कम से कम 14 भाजपा कार्यकर्ता मारे गए और लगभग एक लाख लोग अपने घरों से भाग गए हैं। उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की चुप्पी इस मामले में उनकी भागीदारी की बात कह रही है।
बनर्जी ने भी इन आरोपों को खारिज कर दिया है। उनका कहना कि पश्चिम बंगाल में उन क्षेत्रों में हिंसा और झड़पें हो रही थीं जहां भाजपा के उम्मीदवारों को जीत मिली है।