जहां एक ओर 2019 के लोकसभा चुनाव दो वर्ष से भी कम दूर हैं, वहीं प्रदेश के निकाय चुनाव भी साल के अंत तक होने की सम्भावना है। इसके मद्देनजर जनता में सकारात्मक सन्देश देने हेतु, योगी सरकार के मंत्री अब जनता के बीच जाने और उनकी समस्याओं से रूबरू होने के लिए कमर कस चुके हैं।
बीते दिनों भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के तीन दिवसीय उत्तर प्रदेश प्रवास के दौरान प्रदेश के मंत्रियों द्वारा जनता के बीच न जाने एवं पार्टी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा सहित कई शिकायतें दूर दराज के जिलों से उनके संज्ञान में आई थीं, जिन पर शाह ने कड़ी नाराजगी भी जताई थी और मंत्रियों को फटकारा था। उन्होंने मंत्रियों को प्रत्येक सोमवार और मंगलवार को पार्टी कार्यकर्ताओं एवं आम जनता से मिलने की सख्त हिदायत और नसीहत दी थी, जिसे अब योगी मंत्रिमंडल के सदस्यों ने आत्मसात कर लिया है। मूसलाधार बारिश के कारण पूर्वी उत्तर प्रदेश समेत नेपाल से सटे हुए तराई के जिलों में बाढ़ के हालात बने हुए हैं, जिसके मद्देनजर योगी ने मंत्रियों को अपने-अपने क्षेत्रों में बाढ़ प्रभावित स्थानों का दौरा करने हेतु निर्देशित किया है।
योगी खुद भी पूर्वी एवं मध्य उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों का दौरा करेंगे और हालात का जायजा लेंगे। गुरुवार को उन्होंने अपने दौरे के समय कई अधिकारियों को कार्य में कोताही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया था और कई अन्य अधिकारियों के तबादले के आदेश जारी किए थे।
शाह के दौरे के बाद, योगी ने अपने मंत्रिमंडल से विचार-विमर्श करने के बाद ये निर्णय लिया था कि अब सरकार को जमीनी स्तर पर न केवल काम करने की जरूरत है, वरन जनता के बीच भी विश्वास जगाने की आवश्यकता है कि सरकार उनके लिए तत्परता के साथ कार्यरत है। न केवल मंत्री, बल्कि सरकार के वरिष्ठ अधिकारीगण भी बाढ़ प्रभावित जिलों का दौरा करेंगे, जिसकी समीक्षा स्वयं मुख्य सचिव राजीव कुमार करेंगे।