जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से गुरुवार को यहां प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने मनी लॉड्रिंग मामले में 4 घंटे पूछताछ की। इससे पहले महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि राजनीतिक विरोधियों को डराने और धमकाने के लिए एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है लेकिन केन्द्र सरकार की रणनीति काम नहीं करेगी।
मुफ्ती राजबाग स्थित ईडी के कार्यालय में पूर्वाह्न 11 बजे पहुंची। उन्होंने कार्यालय के बाहर मौजूद मीडिया कर्मियों से बातचीत नहीं की। उनके पहुंचने से पहले ही ईडी कार्यालय के चारों तरफ सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये थे।
उन्होंने निदेशालय के अधिकारियों से आग्रह किया था कि वह एजेन्सी के दिल्ली स्थित कार्यालय नहीं आ सकती इसलिए या तो उनसे पूछताछ वीडियो कांफ्रेन्स के माध्यम से की जाये या फिर श्रीनगर स्थित एजेन्सी के कार्यालय में की जाये।
मनी लॉड्रिंग मामले से जुड़े एक मामले में नोटिस जारी कर उन्हें 15 मार्च को दिल्ली स्थित ईडी के मुख्यालय में पेश होने को कहा गया था।
मुफ्ती ने ईडी की ओर से नोटिस भेजे जाने को राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया था और उसके खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी। उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने उन्हें जारी समन पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया था।
मुफ्ती ने समन जारी होने के बाद कहा था कि उन्हें नहीं मालूम कि उन्हें आरोपी के रूप में पेश होने को गया है या गवाह के रूप में।