नई दिल्ली में दो दिवसीय इन्वेस्टर्स समिट के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड के इंडस्ट्रियल पॉलिसी का लोकार्पण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री के समक्ष करीब दस हजार करोड़ रुपये के निवेश की योजनाओं पर एमओयू हुआ। जिसमें करीब बीस हजार लोगों को प्रत्यक्ष और डेढ़ लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।
सेल, टाटा, डालमिया, आधुनिक करेंगे निवेश
स्टील ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (सेल) 3 वर्षों में राज्य में 4,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगा। इस दौरान गुआ माइंस में और एक पैलेट पलांट का निर्माण करेगा। टाटा स्टील अगले 3 साल में झारखंड में 3,000 करोड़ रुपये कोयला एवं लौह अयस्क के खदान और स्टील उत्पादन के क्षेत्र में निवेश करेगा। डालमिया भारत ग्रुप 758 करोड़ रुपये का निवेश करेगा। यह निवेश एक नई सीमेंट यूनिट, एक सोलर पॉवर पलांट तथा एक सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट में पीपीपी मोड में होगा। आधुनिक पॉवर एंड नेचुरल रिर्सोसेज झारकंड में 1,900 करोड़ रुपये का निवेश करेगा। प्रेम रबर वर्कस लेदर पार्क और फुटवियर में 50 करोड़ रूपये का निवेश करेगा, जिससे 1,000 स्थानीय लोहोटल ताज में इन्वेस्टर्स मीट के मौके पर औद्योगिक नीति का लोकार्पण करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार निवेशक साथियों का सहयोग लेकर आगे बढ़ना चाहती है। यहां के प्रचुर संसाधनों का उपयोग करते हुए झारखंड को विकास की ओर ले जाने का प्रयास करेंगे। इसमें सभी का सहयोग अपेक्षित है। सरकार ने कदम बढ़ा दिया है। ये कदम अब थमेंगे नहीं। झारखंड में माइंस और मिनरल के इर्द गिर्द बातें सोची गई। ये तो पूर्व की तरह कार्य करती रहेंगी। इसके अतिरिक्त टूरिज्म, एजुकेशन, रिन्यूबल एनर्जी, फ़ूड प्रोसेसिंग, ऑटोमोबाइल, फार्मा, टेक्सटाइल के क्षेत्र में भी काम हो रहा है। रिन्यूएबल एनर्जी में हम बड़ा प्रोजेक्ट ले कर आ रहे हैं।
झारखंड में देश का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर प्लांट स्थापित होने जा रहा है, जो बहुत जल्द बड़े पैमाने पर बिजली का उत्पादन करेगा। हमारी सरकार राज्य में रोजगार सृजन करने के लिए, उद्योग का मार्ग प्रशस्त करने जा रही है। हमारा प्रयास झारखंड को अग्रणी राज्यों में ले जाने का है। मुख्यमंत्री ने औद्योगिक घरानों के प्रतिनिधियों से कहा कि झारखंड में उद्योग को लेकर आपके कई सुझाव हमें मिले हैं। इसी का नतीजा है कि आज अपग्रेडेड इंडस्ट्रियल पॉलिसी तैयार हुई है। हमारे लिए यह गर्व की बात है कि आप लोगों ने झारखंड में निवेश करने की इच्छा जाहिर की है। एमओयू हो रहा है। कई स्वीकृतियां भी प्रदान की गयी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के संसाधनों का उपयोग कर इसका लाभ लोगों को नहीं दे पाए हैं। हमारे पास जो खनिज संपदा का भंडार है, उसके बारे में बताने की जरूरत नहीं है। हमारे राज्य में पर्यटन और शिक्षा क्षेत्र में भी संभावनाएं हैं। प्रसिद्ध नेतरहाट स्कूल हमारे राज्य में ही है। जिसकी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ने देश को सबसे ज्यादा आईएएस और आईपीएस अधिकारी दिया है। इसके अतिरिक्त इजीनियरिंग और मेडिकल के क्षेत्र में भी झारखंड अच्छा कर रहा है। झारखंड शिक्षण और तकनीकी संस्थानों को भी बढ़ावा देगा।
राज्य की कार्यपालिका तक आसान होगी पहुंच
इसके पूर्व मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने कहा कि मैं हेड ऑफ ब्यूरोक्रेसी के नाते निवेशकों को आश्वस्त करता हूं कि राज्य की कार्यपालिका तक आपकी पहुंच आसानी से होगी। यहां प्रोएक्टिव अप्रोच से काम करने वाले अधिकारी हैं, जो समस्या का समाधान करने के उद्देश्य से काम करते हैं। नीति के क्रियान्वयन में किसी भी तरह की समस्या का सामना निवेशकों को नहीं करना पड़ेगा। झारखण्ड निवेशकों के लिए सबसे बेहतर अवसर है। निवेशकों के प्रति सरकार का रवैया दुनियाभर में बदला है। प्रदेश के मुख्यमंत्री अपने टॉप ब्यूरोक्रेट के साथ निवेशकों को आमंत्रित करने के लिए लंबी दूरी तय कर दिल्ली पहुंचे हैं। यह एक बड़ा बदलाव है। ऐसा संभव हुआ है, क्योंकि लोगों को यह बात समझ में आ रही है कि किसी देश और राज्य के विकास की दास्तां तकनीक के विकास, रोजगार के सृजन से ही संभव है। झारखंड एक खूबसूरत राज्य है। फ्लोरा एवं फोना से भरा पड़ा राज्य है। 30 प्रतिशत हिस्सा जंगल से भरा है। बड़ी मात्रा में यहां वनोपज का उत्पादन किया जा रहा है। राज्य का मौसम देश के बाकी हिस्सों से कहीं बेहतर है। अच्छे वातावरण से मानव संसाधन की क्षमता बढ़ जाती है। झारखंड में स्वस्थ और नियम से चलने वाले मानव संसाधन उपलब्ध हैं। झारखण्ड आपको आमंत्रित करता है।
सिंगल विंडो क्लियरेंस पॉलिसी तैयार हैः उद्योग सचिव
उद्योग सचिव पूजा सिंघल ने कहा कि झारखंड सरकार ने निवेशकों को आमंत्रित करने हेतु विभिन्न क्षेत्रों में सिंगल विंडो क्लियरेंस पॉलिसी तैयार कर ली है। उन्होंने कहा कि उद्योग स्थापित करने के लिए सरकार के पास 1000 एकड़ जमीन का लैंड बैंक है। उन्होंने निवेशकों को झारखंड में क्यों निवेश करें से संबंधित विभिन्न आयामों पर विशेष रूप से प्रकाश डाला। जेआईआईपी, इथनॉल पॉलिसी, रोड कनेक्टिविटी, इलेक्ट्रिक वेकिल पॉलिसी, आदित्यपुर क्लस्टर के बारे में प्रेजेंटेशन के माध्यम से बताया। उन्होंने कहा कि झारखंड को सोलर पार्क, ऑटो हब, इलेक्ट्रॉनिक निर्माण का हब बनाने के लिए सरकार सभी निवेशकों को आमंत्रित कर रही है।