पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, जमानत पर रिहा हुए आरोपी डॉ. राजेन्द्र आर्य (40) की रविवार सुबह ग्वालियर के बिड़ला अस्पताल में मौत हो गई। कहा जा रहा है कि उसकी मौत बीमारी के कारण हुई है। वह कोटा किसी काम से गया था, वहीं पर इनकी तबियत खराब हुई। उसे बाद में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। आर्य पिछले साल से जमानत पर था। उस पर वर्ष 2007 और वर्ष 2008 में पीएमटी प्रवेश परीक्षा में दो विद्यार्थियों को फर्जी तरीके से मेडिकल कॉलेज में प्रवेश दिलाने के आरोप थे।
जेल में संदिग्ध मौत
व्यापमं फर्जीवाड़े के एक आरोपी नरेन्द्र सिंह तोमर (29) की शनिवार रात संदिग्ध हालत में मौत हो गई। वह 24 फरवरी से इंदौर जेल में बंद था। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि तोमर को सीने में दर्द की शिकायत के बाद इंदौर के महाराजा यशवंतराव अस्पताल (एमवायएच) लाया गया, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इंदौर के नगर पुलिस अधीक्षक अजय जैन ने बताया कि तोमर की मौत की मजिस्ट्रीयल जांच की जा रही है। तोमर के भाई ने आशंका जताई कि उसकी मौत जेल में मारपीट के कारण हुई और उसे जेल से ही मृत हालत में अस्पताल लाया गया। तोमर के परिजनों ने उसकी मौत के पीछे किसी साजिश की आशंका जताई है। उनका कहना है कि मृत्यु के दिन 4 बजे तक वह अपनी बहन से फोन पर बात रह रहा था और उसने किसी तरह की परेशानी नहीं बताई।
व्यापमं फर्जीवाड़े के एक आरोपी नरेन्द्र सिंह तोमर (29) की शनिवार रात संदिग्ध हालत में मौत हो गई। वह 24 फरवरी से इंदौर जेल में बंद था। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि तोमर को सीने में दर्द की शिकायत के बाद इंदौर के महाराजा यशवंतराव अस्पताल (एमवायएच) लाया गया, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इंदौर के नगर पुलिस अधीक्षक अजय जैन ने बताया कि तोमर की मौत की मजिस्ट्रीयल जांच की जा रही है। तोमर के भाई ने आशंका जताई कि उसकी मौत जेल में मारपीट के कारण हुई और उसे जेल से ही मृत हालत में अस्पताल लाया गया। तोमर के परिजनों ने उसकी मौत के पीछे किसी साजिश की आशंका जताई है। उनका कहना है कि मृत्यु के दिन 4 बजे तक वह अपनी बहन से फोन पर बात रह रहा था और उसने किसी तरह की परेशानी नहीं बताई।
जब तोमर को व्यापमं घोटाले में गिरफ्तार किया गया तब वह रायसेन में सहायक पशु चिकित्सा अधिकारी था। मुरैना के रहने वाले तोमर पर वर्ष 2009 में आयोजित प्री़ मेडिकल टेस्ट (पीएमटी) में फर्जीवाड़े करने के आरोप थे। नरेंद्र के पिता कैलाश सिंह का कहना है कि उनके बेटे की मौत के मामले में एसटीएफ के अफसर भी शामिल हैं। एसटीएफ के एक अधिकारी जैन ने उनसे सात लाख रुपए की मांग की थी। जबकि उनके बेटे की एक-दो दिन में जमानत होने वाली थी।
राज्यपाल के बेटे की हुई थी संदिग्ध मौत
गौरतलब है कि व्यापमं घोटाले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने मध्यप्रदेश हाई कोर्ट को दो दिन पहले ही व्यापमं घोटाले में हुई 23 अस्वाभाविक मौत की सूची दी है। हालांकि, कुछ खबरों में घोटाले से जुड़े 41 आरोपियों की मौत का दावा किया जा रहा है। इसमें मध्यप्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव के पुत्र शैलेष यादव (50) भी शामिल है, जिनकी गत 25 मार्च को लखनऊ में अपने पिता के माल एवेन्यू इलाके में स्थित घर पर अस्वाभाविक मौत हो गई थी। रामनरेश यादव भी व्यापमं घोटाले में आरोपी बनाया गया था। लेकिन बाद में उन्हें न्यायालय से इस मामले में राहत दी गई।
55 मामले, 2530 आरोपी, 550 फरार
करोड़ों रूपये के व्यापमं घोटाले के जरिये मध्यप्रदेश में मेडिकल पाठयक्रमों में दाखिले और सरकारी भर्तियां कराई गयी। इसमें अनेक राजनेता, उच्च अधिकारी और बिचौलियों की भूमिका थी। इस मामले में प्रदेश के पूर्व शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा, व्यापमं के उच्च अधिकारी, बिचौलियों सहित असल विद्यार्थियों के स्थान पर फर्जी परीक्षा देने वाले कई लोग जेल में बंद हैं। प्रदेश में विपक्षी दल कांग्रेस ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर भी इस घोटाले में शामिल होने के आरोप लगाये थे। इस चर्चित घोटाले में अब तक 55 मामले दर्ज हुए है और 2530 से ज्यादा आरोपी हैं। इनमें 1980 आरोपी गिरफ्तार किए गए जबकि 550 फरार हैं।