सेनेटरी नैपकिन को 12 फीसदी जीएसटी के दायरे में रखने का देशभर में विरोध जारी है। इस बीच सैनिटरी नैपकिन को कर मुक्त बनाने के लिए मध्यप्रदेश के ग्वालियर में एक अनोखा विरोध अभियान चलाया जा रहा है।
ग्वालियर में एक सामाजिक संगठन द्वारा चलाए जा रहे इस अनोखे अभियान के तहत यह संगठन नैपकिनों पर संदेश लिखकर 1 हजार से अधिक नैपकिन और पोस्टकार्ड प्रधानमंत्री को भेजेगा। इस अभियान में उन्होंने महिलाओं को सेनेटरी नैपकिन पर मासिक धर्म की स्वच्छता पर अपने विचार लिखने के लिए प्रोत्साहित किया। संदेश लिखे इन सभी नैपकिन को 3 मार्च के दिन सरकार तक पहुंचाया जाएगा।
#MadhyaPradesh: A group of social workers in Gwalior start a campaign encouraging women to write down their views on menstrual hygiene on sanitary napkins to mark their protest against it being placed under 12% GST. pic.twitter.com/1SKIFiuErP
— ANI (@ANI) January 9, 2018
सोशल वर्कर हरि मोहन के अनुसार, इस दिन 1 हजार नैपकिन प्रधानमंत्री को पोस्टकार्ड के साथ भेजे जाएंगे। दूसरे चरण में 1 लाख और तीसरे चरण में 5 लाख नैपकिन भेजे जाएंगे। इसे लेकर देशव्यापी अभियान चलाया जा रहा है।
Sanitary napkins have been placed under 12% GST. Women use things during their menstrual days which is fatal to them. Instead of giving subsidy, it has been placed under luxury item. So we started this campaign. We aim to send 1000 pads to the govt by 3rd March: Hari Mohan pic.twitter.com/Fo0hI3NQV5
— ANI (@ANI) January 9, 2018
सामाजिक कार्यकर्ता प्रीति जोशी ने कहा, 'सेनेटरी नैपकीन पहले से ही महंगा था, उस पर से अब यह और महंगा हो गया है। महंगाई के इस दौर में सेनेटरी नैपकीन का उपयोग मिडिल क्लास की महिलाएं भी नहीं कर पाएंगी। सरकार को सोचना चाहिए कि ग्रामीण महिलाएं 100 रुपये खर्च कर इसे कैसे खरीद पाएंगी। वो इसे खरीद सकने में सक्षम नहीं हैं, जिसके अभाव में वो गंभीर बीमारियों का शिकार होंगी। उन्होंने कहा कि सैनिटरी नैपकिन सभी महिलाओं की जरूरत है। उसे यह मुफ्त मिलना चाहिए, कम से कम इसे जीएसटी के दायरे से बाहर रखना चाहिए।
We started campaign on 4th January. Women in rural areas can't spend Rs 100 on sanitary napkins. This situation discourages them from using sanitary napkins all the more. They end up falling prey to diseases. Free napkin, at least GST free napkins, must reach women: Preeti Joshi pic.twitter.com/cQoaWm2hD4
— ANI (@ANI) January 9, 2018