मध्य प्रदेश में तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा पर मुकदमा दर्ज कराया गया है। उन्होंने फिल्म ‘काली’ के संदर्भ में देवी काली को लेकर विवादित और बयान दिया था। उनके बयान से उनकी अपनी पार्टी ने भी किनारा कर लिया है। मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार की ओर से भोपाल के क्राइम ब्रांच थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। उन पर धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया गया है।
मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार की ओर से मां काली पोस्टर विवाद में एक्शन लिया गया है। टीएमसी की सांसद महुआ मोइत्रा पर भोपाल में एफआईआर दर्ज कराई गई है। महुआ मोइत्रा पर देवी काली को लेकर विवादित और आपत्तिजनक बयान देने का आरोप है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि महुआ मोइत्रा के बयान से हिंदुओं के धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है। हिंदू देवी देवताओं का अपमान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन पर आईपीसी की धारा 295ए के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया गया है। भोपाल क्राइम ब्रांच थाने में धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की धारा 295ए के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
बता दें कि लीना मणि मेकलाई ने अपनी एक डॉक्युमेंट्री का पोस्टर ‘मां काली’ की तस्वीर साझा की है। पोस्टर ट्वीट किए जाने के बाद से हिंदुओं के बड़े वर्ग में काफी ज्यादा उबाल है। उनका कहना है कि डॉक्युमेंट्री के कारण लीना को तो गिने-चुने लोग ही जानते, लेकिन अब वह विवाद खड़ा करके सुर्खियों में आ गई हैं।
तृणमूल कांग्रेस की पश्चिम बंगाल में सरकार है, जहां की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हैं। पश्चिम बंगाल वह प्रदेश है जहां मां काली की सबसे ज्यादा पूजा होती है। यही वजह है कि टीएमसी ने महुआ मोइत्रा के बयान से तुरंत किनारा कर लिया। पार्टी ने कहा कि मां काली को लेकर महुआ का बयान उनका व्यक्तिगत विचार है, पार्टी उनके विचार से सहमत नहीं है। टीएमसी ने अपनी फायर ब्रैंड नेता के बयान से पल्ला झाड़ लिया है।