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‘नेताजी’ के जन्मदिन पर जारी रही सियासी नूराकुश्ती

समाजवादी पार्टी और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (पीएसपी) में ‘नेताजी’ (मुलायम सिंह यादव) को लेकर...
‘नेताजी’ के जन्मदिन पर जारी रही सियासी नूराकुश्ती

समाजवादी पार्टी और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (पीएसपी) में ‘नेताजी’ (मुलायम सिंह यादव) को लेकर खींचतान मची है। 22 नवंबर को उनके 80वें जन्मदिन पर सियासी नूराकुश्ती जारी रही। सपा ने उनका जन्मदिन पार्टी कार्यालय पर मनाया तो पीएसपी ने सैफई में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया और नेता जी को आमंत्रित भी किया था। नेता जी जाना भी चाहते थे, उन्होंने कहा कि सैफई में बहुत भीड़ है, सैफई जाना है, लेकिन वह सैफई पहुंच नहीं पाए।

सपा और पीएसपी में नेताजी को लेकर शुरू हुई खींचतान खत्म नहीं हो रही है। नेताजी को अपने-अपने पालों में करने के लिए दोनों दल पूरी जोर आजमाइश करते हैं और अपने समर्थन में तर्क भी देते हैं। नेताजी ने अलग-अलग मौकों पर दोनों दलों के मंच भी साझा किए हैं।

कार्यकर्ता अपने आचरण व्यवहार से किसी को नाराज न करें: मुलायम सिंह

गुरुवार को नेताजी के जन्मदिन पर प्रदेश भर में कई आयोजन हुए। सपा कार्यालय में पूर्व रक्षा मंत्री और उत्‍तर प्रदेश्‍ा के मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह यादव ने कार्यकर्ताओं से कहा कि कुछ लोग तोड़-फोड़ कर पार्टी को अलग-थलग करने की कोशिश कर रहे हैं, हमें इसलिए पार्टी को और ज्यादा मजबूत बनाना है। कार्यकर्ता अपने आचरण और व्यवहार से किसी को नाराज न करें। गरीबों, पिछड़ों की मदद करें। महिलाओं को सम्मान दें और उन्हें पार्टी से ज्यादा संख्या में जोड़ें।

'समाजवादी पार्टी नौजवानों की पार्टी है'

नौजवान पार्टी की नीति, कार्यक्रम की जानकारी करें और समाजवादी साहित्य पढ़ें, यह सलाह देते हुए सिंह ने कार्यकर्ताओं से जनता के बीच सम्पर्क बढ़ाने को भी कहा। उन्होंने यह भी कहा कि समाजवादी पार्टी नौजवानों की पार्टी है, यह कभी बूढ़ी नहीं होगी। हमारा लक्ष्य दिल्ली पर कब्जा करने का होना चाहिए। दुनिया में सबसे अच्छी विचारधारा समाजवाद की है, जिसमें ऊंच-नीच, मर्द-औरत, काले-गोरे का भेदभाव नहीं है।

जब पीएसपी नेता शिवपाल सिंह यादव का भी छलक उठा दर्द 

वहीं, पीएसपी ने नेताजी के जन्मदिन पर लखनऊ सहित अन्य स्थानों पर ‘समाजवाद व धर्मनिरपेक्षता’ पर संगोष्ठी और सैफई के चंदगीराम स्टेडियम में जन्मदिन समारोह और विराट दंगल प्रतियोगिता का आयोजन किया। कार्यक्रम में नेताजी के नहीं आने पर पीएसपी नेता शिवपाल सिंह यादव का दर्द भी छलक उठा। उन्होंने कहा कि नेताजी चुगलखोरों और चापलूसों के बहकावे में आकर नहीं आए। ऐसे चापलूसों से बचने की जरूरत है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि लोगों पर आरोप लगे, उन्‍हें सीबीआई का डर है। मंत्री रहते हुए हमने अनेक काम किए।

 

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