मुनव्वर फारुखी करीब 36 दिन बाद जेल से रिहा हो गये है। इस मामले में शिकायत दर्ज कराकर गिरफ्तार करवाने वाले हिन्द रक्षक संगठन चलाने वाले व भाजपा कार्यकर्ता एकलव्य गौण थे। फारुखी की रिहाई के बाद वे इस मामले में ज्यादा कुछ बोलने को तैयार नहीं है, किन्तु इस मामले ने भाजपा में उनकी छवि को मजबूत किया है, जिसका फायदा उन्हें राजनीति जीवन में मिलना तय है।
मुनव्वर फारुखी मामले में बात करने पर उनका कहना है कि चूंकि मामला न्यायालय में विचाराधीन है इसलिए इस बारे में कुछ नहीं कहना चाहेंगे। इस मामले में पुलिस और न्यायालय अपना काम कर रहे है। उनको उस आयोजन के बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने पुलिस को बता दिया। एकलव्य ये जरूर कहते है कि देश के सभी नागरिकों की जिम्मेदारी है कि वे सभी धर्मों का सम्मान करें। हमारा संगठन सांस्कृतिक सुधार के लिए काम करता है, यदि कहीं भी इस तरह की जानकारी मिलती है तो आगे भी उसकी शिकायत करेंगे।
एकलव्य कहते है कि वे मुख्यरूप से हिन्द रक्षक नाम का सामाजिक संगठन चलाते है। इसमें वे सामाजिक और सांस्कृतिक सुधार के लिए काम करते है। उनके द्वारा शुरू की गई राधा कृष्ण फॉग यात्रा और गरबा महोत्सव को विशेष रूप से सराहना मिली है। वे प्रदेश के कई क्षेत्रों में शिवगंगा अभियान चला रहे है, जिसके अंतर्गत 1100 से अधिक गांवों में शिवालय की स्थापना और तालाबों का निर्माण कराया जा रहा है। उनके पिता लक्ष्मण गौण मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री रह चुके है। एक दुर्धटना में उनका देहांत हो गया था। उसके बाद उनकी पत्नी मालिनी गौण भाजपा से विधायक है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मुनव्वर फारुखी मामले में एकलव्य गौण को राजनीतिक लाभ मिला है। नगरीय निकाय चुनावों को देखते हुए उनकी दावेदारी मजबूत हो गई है। भाजपा यदि निकाय चुनावों में उनको अनदेखा करती है तो आगे विधान सभा चुनाव में वे अपनी माता मालिनी गौण की सीट से टिकट की दावेदारी करेंगें।