बागपत जेल में पूर्वांचल के कुख्यात माफिया मुन्ना बजरंगी की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। जेल में हत्या होने से पुलिस-प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। झांसी जेल से पेशी पर मुन्ना बजरंगी को बागपत जेल लाया गया था। मामले में गैंगस्टर सुनील राठी और उसके शूटर पर शक जताया जा रहा है। मामले की जांच के लिए ज्यूडिशियल इंक्वायरी के आदेश दिए गए हैं। साथ ही बागपत जेल के जेलर, डिप्टी जेलर समेत चार जेलकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है।
मुन्ना बजरंगी की सोमवार को पूर्व बसपा विधायक लोकेश दीक्षित से रंगदारी मांगने के आरोप में बागपत कोर्ट में पेशी होनी थी। रविवार को झांसी जेल से उसे बागपत लाया गया था। जेल में ही गोली मारकर हत्या कर दी गई। मुन्ना बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह ने 10 दिन पहले ही लखनऊ में प्रेस वार्ता कर बजरंगी की हत्या की आशंका जताई थी। सीमा ने कहा था कि झांसी जेल में बंद मुन्ना बजरंगी का एनकाउंटर करने का षड्यंत्र एसटीएफ में तैनात एक अधिकारी के इशारे पर रचा जा रहा है। इस अफसर के कहने पर ही जेल में बजरंगी को खाने में जहर देने की कोशिश तक की गई।
इसके अलावा उन्होंने ढाई साल पहले विकासनगर में पुष्पजीत सिंह और गोमतीनगर में हुए तारिक हत्याकांड में शामिल शूटरों को सत्ता और पुलिस अधिकारियों का संरक्षण मिलने का आरोप भी मढ़ा था। मुन्ना बजरंगी पर 17 साल की उम्र में पहला मुकदमा दर्ज हुआ था। इसके बाद मुन्ना ने जरायम की दुनिया से पलटकर नहीं देखा। मुख्तार गैंग में शामिल मुन्ना ने भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की दिनदहाड़े एके 47 से गोलियां मारकर हत्या कर दी थी।